मधुमक्खी पालन बना काश्तकारों की आर्थिक समृद्धि का नया आधार

चमोली, 26 मई 2025 । चमोली में 505 काश्तकार मधुमक्खी पालन से बढ़ा रहे आय, सरकार दे रही 40% सब्सिडीमुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड में मधुमक्खी पालन काश्तकारों की आर्थिक मजबूती का नया रास्ता बन रहा है।

चमोली जिले में 505 काश्तकार मधुमक्खी पालन के जरिए कम लागत में शहद उत्पादन कर अपनी आय को नई ऊंचाइयों तक ले जा रहे हैं। राज्य सरकार की मौन पालन योजना के तहत काश्तकारों को 40% सब्सिडी पर मौन कॉलोनी (बॉक्स) उपलब्ध कराए जा रहे हैं, साथ ही मधुमक्खी पालन का सात दिवसीय प्रशिक्षण और 1050 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जा रही है।
249.48 क्विंटल शहद उत्पादन, 1200 रुपये प्रति किलो की दर से बिक्री : उद्यान विभाग के पीडीओ चमोली, योगेश भट्ट ने बताया कि मौन पालन योजना का उद्देश्य काश्तकारों की आय को दोगुना करना है। चमोली के 505 काश्तकार वर्तमान में 249.48 क्विंटल शहद का उत्पादन कर रहे हैं, जिसे वे 1200 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बाजार में बेचकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। यह योजना न केवल आर्थिक रूप से लाभकारी है, बल्कि कम मेहनत और संसाधनों में अधिक आय का जरिया बन रही है। ।
काश्तकारों की जुबानी: मेहनत कम, मुनाफा ज्यादा रोहितास पुरोहित, गोपेश्वर:
“वर्ष 2023 में मैंने एक मौन कॉलोनी से शुरुआत की थी। उद्यान विभाग के प्रशिक्षण ने मुझे आत्मविश्वास दिया, और आज मैं 25 कॉलोनियों के साथ काम कर रहा हूं। मधुमक्खी पालन कम मेहनत में अच्छी आय देता है, और बाजार में शहद की मांग के कारण बिक्री में कोई परेशानी नहीं है। 1200 रुपये प्रति किलो की कीमत पर शहद आसानी से बिक रहा है।
“वीरेंद्र सिंह, बैरागना और प्रमेंद्र सिंह, टंगसा:
“प्रशिक्षण के बाद हमने मधुमक्खी पालन शुरू किया और अब स्वयं देखरेख कर अच्छा उत्पादन कर रहे हैं। यह युवाओं के लिए घर बैठे आय का शानदार जरिया है।
“मौन पालन: आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम
मधुमक्खी पालन न केवल काश्तकारों की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहा है, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सरकार की इस पहल से चमोली के काश्तकार नई उम्मीदों के साथ अपने भविष्य को संवार रहे हैं।