पर्याप्त संसाधन और सही दिशा मिलने से विकास की ओर बढ़ते बच्चे

- हाइड्रो पावर अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (टीएचडीसी ) बीपुरम में आयोजित किया गया स्टार्टअप उत्तराखंड बूट कैंप।”
- दो दिवसीय कैंप में बच्चों ने दिखाई अपनी प्रतिभा।”
टिहरी गढ़वाल। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व एवं जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के मार्गदर्शन में जनपद टिहरी क्षेत्रांतर्गत युवाओं के लिए कई रोजगार के अवसर सृजित किए जा रहे हैं। हाइड्रो पावर अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (टीएचडीसी) भागीरथी पुरम में आईआईटी रुड़की और जिला उद्योग केंद्र टिहरी की ओर से उत्तराखंड स्टार्टअप बूट कैंप का आयोजन किया गया। कैंप में आईआईटी रुड़की और उद्योग विभाग से कई अनुसंधानकर्ता पहुंचे। इस मौके पर हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज भागीरथी पुरम की छात्रा अंशिका गुप्ता ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) कोप्स एप का मॉडल प्रस्तुत किया।
अंशिका गुप्ता ने बताया कि आज तमाम डिजिटल क्राइम या सोशल मीडिया स्कैम, लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर रहे हैं। यह एप डिजिटल क्रीम या स्कैन में फंसे पीड़ितों के लिए एक रिकवरी के तौर पर अहम भूमिका निभाएगा। कहा कि जिस तरह से डिजिटल मार्केट रफ्तार पकड़ रहा है, इसी तरह डिजिटल स्कैम का खतरा भी दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, जो हमारी नेशनल सिक्योरिटी के लिए भी चुनौती बनता जा रहा है। उसने एप इंस्टालेशन, सब्सक्रिप्शन और एप की मदद से किस तरह समस्या का समाधान किया जा सकता है, संबंधी जानकारी दी। बताया कि अभी तक डिजिटल क्राइम या स्कैम का डिक्टेशन और प्रिवेंशन हम तक पहुंचा है, लेकिन यह एआई कॉप्स (पुलिस ) डिजिटल क्राइम में फंसे व्यक्तियों की रिकवरी पर ज्यादा फोकस करेगा। इस एप में हेल्पलाइन नंबर या टोल फ्री नंबर भी होगा, जिस पर पीड़ित व्यक्ति तुरंत कांटेक्ट कर किसी भी तरह की समस्या का समाधान तुरंत हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से साझा कर सकते हैं। साथ ही डिजिटल क्राइम या स्कैन में फंसा व्यक्ति मानसिक और भौतिक रूप से खुद को स्वस्थ और आनंदित महसूस करेगा।
स्टार्टअप बूट कैंप में मौजूद सभी अनुसंधानकर्ताओं ने उक्त एप प्रोजेक्ट को काफी सराह। उन्होंने एप को डिजिटल क्राइम के लिहाज से असरदार और प्रभावपूर्ण बताया।
जिलाधिकारी ने बताया कि मा. प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जी के निर्देशन में सभी जनपदों में बच्चों के लिए लर्निंग सेंटर विकसित किए जा रहे हैं। इसी का परिणाम है कि आज जनपद में बच्चों द्वारा एआई की मदद से ऐसे एप बनाए जा रहे है, जो आगे चल कर काफी मददगार साबित होंगे। बच्चों को सही दिशा और संसाधन मिलने से हम विकास की और बढ़ पाएंगे।