मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना के अंतर्गत जिला स्तरीय कार्यशाला सम्पन्न

ग्रामीण उद्यमिता को मिलेगा नया आयाम, स्थानीय उत्पादों के विपणन पर विशेष जोर
टिहरी गढ़वाल, 31 मई 2025 । मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना के अंतर्गत शुक्रवार को विकास भवन सभागार, नई टिहरी में एक जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती वरुणा अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यशाला का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को प्रोत्साहन देना और स्थानीय व्यवसायों को सशक्त बनाना रहा।
मुख्य विकास अधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि उद्यमिता विकास को निरंतर प्रक्रिया के रूप में अपनाना अत्यंत आवश्यक है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में स्वरोजगार को बढ़ावा मिले। उन्होंने सभी विभागों से आपसी समन्वय स्थापित कर स्वयं सहायता समूहों, “लखपति दीदियों” तथा नवोदित उद्यमियों को प्रशिक्षण व विपणन सहायता प्रदान करने पर बल दिया।
कार्यशाला में यह स्पष्ट किया गया कि मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना, पूर्व में “रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर” के नाम से जानी जाती थी, अब एक व्यापक ग्रामीण आर्थिक सशक्तिकरण कार्यक्रम के रूप में कार्य कर रही है। इसमें स्थानीय उत्पादों के मूल्य संवर्धन, विपणन, पैकेजिंग और डिजिटलीकरण से जुड़ी गतिविधियों को प्रमुखता दी जा रही है।
उद्यमियों की समस्याओं और उनके समाधान के अवसरों पर विस्तृत चर्चा की गई। वक्ताओं ने सुझाव दिया कि उद्यमियों को इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स से जोड़कर नवाचार, गुणवत्ता नियंत्रण एवं व्यवसाय प्रबंधन जैसे विषयों पर नियमित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
कार्यशाला में पर्यटन, कृषि, उद्यान, मत्स्य, पशुपालन, उद्योग एवं अन्य आजीविका आधारित विभागों को भी इस योजना में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान किया गया। ग्रामीण स्तर पर कार्यशालाएं आयोजित कर उद्यमियों को योजनाओं की जानकारी देने और उन्हें बाजार से जोड़ने की रणनीति पर भी विचार किया गया।
इस अवसर पर पीडी डी.आर.डी.ए. श्री पी.एस. चौहान, डीडीओ श्री मो. असलम, इनक्यूबेशन मैनेजर श्री दिग्विजय सिंह, तथा राज्य स्तरीय प्रोजेक्ट मैनेजमेंट इकाई से श्री गुलशन कुमार रोहिला सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी एवं प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
इस कार्यशाला ने जिले में उद्यमिता को एक नई दिशा देने की पहल की है, जो आने वाले समय में स्थानीय रोजगार, आर्थिक आत्मनिर्भरता और महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।