सेना के जवानों तक पहुँची टिहरी की ट्राउट फिश, स्थानीय मत्स्य पालकों को मिला नया बाजार

टिहरी गढ़वाल । मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वरोजगार को बढ़ावा देने के प्रयासों के सार्थक परिणाम अब ज़मीनी स्तर पर नज़र आने लगे हैं। इसी क्रम में टिहरी जनपद के मत्स्य पालन विभाग ने सोमवार को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) देहरादून के सीमाद्वार केंद्र को 1 क्विंटल 20 किलोग्राम ताजा ट्राउट मछली की आपूर्ति की।

यह मछली विकासखंड जौनपुर के हटवाल गांव स्थित सॉन्ग वैली मत्स्य जीवी सहकारी समिति द्वारा उपलब्ध कराई गई। समिति के अध्यक्ष श्री पंचम हटवाल ने बताया कि यह डील उनके लिए न केवल आर्थिक रूप से बल्कि आत्मसंतोष की दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि इस सप्लाई से उन्हें अपने व्यवसाय को एक नई दिशा और बड़ा बाजार मिला है।
पंचम हटवाल की सफलता की कहानी
श्री हटवाल ने वर्ष 2019 में मत्स्य विभाग की सहायता से 10 सीमेंटेड तालाबों का निर्माण कर ट्राउट मछली पालन की शुरुआत की थी। व्यापार में मुनाफा देखकर उन्होंने 2022 में 5 और तालाब बनाए। वर्तमान में वे सालाना तीन से चार लाख रुपए की आमदनी कर रहे हैं और उनकी ट्राउट मछली की सप्लाई दिल्ली, चंडीगढ़ सहित चंबा, कानाताल और धनोल्टी जैसे स्थानीय बाजारों में भी हो रही है।
आईटीबीपी से अनुबंध और ‘वोकल फॉर लोकल’ को बढ़ावा
सहायक निदेशक मत्स्य विभाग श्री उपेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि आईटीबीपी के साथ हुए अनुबंध के अंतर्गत स्थानीय स्तर पर मछली, मुर्गी और बकरी की आपूर्ति की जा रही है। ट्राउट मछली की यह साप्ताहिक डिमांड है और आवश्यकता अनुसार इसकी आपूर्ति की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह पहल ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को मजबूती प्रदान कर रही है और क्षेत्रीय संसाधनों के प्रभावी उपयोग का उदाहरण बन रही है।
पोषण से भरपूर ट्राउट मछली
ट्राउट मछली पोषक तत्वों से भरपूर होती है, जिसमें ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड, उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन, विटामिन बी-12, ई-6, नियासिन, राइबोफ्लेविन, आयोडीन, सेलेनियम, जिंक और फॉस्फोरस शामिल हैं। 100 ग्राम ट्राउट मछली में लगभग 20-25 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है, और इसका पाचन दर लगभग 90-95% होती है।
पूर्व में भी सफल आपूर्ति
गत वर्ष टिहरी जनपद के भिलंगना ब्लॉक स्थित चांजी की मत्स्य समिति द्वारा आईटीबीपी उत्तरकाशी को 125 क्विंटल मछली की आपूर्ति सफलतापूर्वक की जा चुकी है। यह दर्शाता है कि जनपद टिहरी न केवल उत्पादन में सक्षम है, बल्कि गुणवत्ता और समयबद्ध आपूर्ति में भी अग्रणी है।