टीएचडीसी की पहली थर्मल पावर परियोजना की प्रथम यूनिट राष्ट्र को समर्पित, प्रधानमंत्री मोदी ने किया उद्घाटन

खुर्जा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट से उत्तर प्रदेश की ऊर्जा क्षमता में ऐतिहासिक वृद्धि
ऋषिकेश/बुलंदशहर, 30 मई 2025 । प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में स्थित टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (THDCIL) की पहली थर्मल पावर परियोजना 1320 मेगावाट खुर्जा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट (KSTPP) — की प्रथम यूनिट (660 मेगावाट) को राष्ट्र को समर्पित किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य और श्री ब्रजेश पाठक समेत अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
यह परियोजना न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि देश के ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। टीएचडीसीआईएल, जो अब तक जल विद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सक्रिय था, ने अपनी पहली थर्मल यूनिट के सफल कमीशन के साथ ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस अवसर पर कहा,
“यह उत्तर प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है। इन पावर प्लांट्स के संचालन से राज्य में बिजली की उपलब्धता बढ़ेगी और इससे औद्योगिक विकास को भी नई गति मिलेगी।”
गौरतलब है कि इस मेगा पावर प्लांट की आधारशिला वर्ष 2019 में स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी। परियोजना के सफल संचालन से टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की कुल संस्थापित क्षमता 1587 मेगावाट से बढ़कर 2247 मेगावाट हो गई है, जिससे कंपनी के ऊर्जा पोर्टफोलियो में उल्लेखनीय विविधता आई है।
टीएचडीसीआईएल के इस ऐतिहासिक कदम से यह स्पष्ट है कि कंपनी अब बहुस्तरीय ऊर्जा समाधान की दिशा में अग्रसर है, और न केवल जल विद्युत बल्कि थर्मल व नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में भी सशक्त उपस्थिति दर्ज कर रही है। कंपनी की इक्विटी में एनटीपीसी लिमिटेड और उत्तर प्रदेश सरकार की हिस्सेदारी है, जिससे यह परियोजना केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयास का उत्कृष्ट उदाहरण बन गई है।
प्रमुख बिंदु:
- परियोजना की कुल क्षमता: 1320 मेगावाट (2 x 660 मेगावाट)
- प्रथम यूनिट (660 मेगावाट) का आज हुआ राष्ट्र को समर्पण
- टीएचडीसी की कुल संस्थापित क्षमता अब 2247 मेगावाट
- 2019 में प्रधानमंत्री ने रखी थी आधारशिला
- यूपी के उद्योगों व नागरिकों को मिलेगी अधिक बिजली की उपलब्धता
इस परियोजना से न केवल ऊर्जा उत्पादन को बल मिलेगा, बल्कि रोजगार, बुनियादी ढांचे और औद्योगिक गतिविधियों में भी तेजी आने की संभावना है, जिससे उत्तर प्रदेश की आर्थिक विकास यात्रा को नई दिशा मिलेगी।