वृक्ष मानव विशेश्वर दत्त सकलानी जी की 102वीं जयंती पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि

टिहरी गढ़वाल। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं पर्यावरण प्रेमी वृक्षऋषि विशेश्वर दत्त सकलानी जी की 102वीं जयंती पर आज एक श्रद्धांजलि गोष्ठी का आयोजन कर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें स्मरण किया गया।
विशेश्वर दत्त सकलानी जी का जन्म 2 जून 1922 को ग्राम पुजारगांव, पट्टी सकलाना (टिहरी गढ़वाल) में हुआ था। वे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नागेन्द्र दत्त सकलानी जी के अनुज थे। बचपन से ही पर्यावरण संरक्षण के प्रति विशेष रुचि रखते हुए उन्होंने मात्र 8 वर्ष की उम्र से वृक्षारोपण शुरू किया। अपने जीवन में उन्होंने लगभग 50 लाख पेड़ (बांज, बुरांश, देवदार, भीमल, सेमल आदि) लगाकर सकलाना घाटी को हरित वन क्षेत्र में परिवर्तित कर दिया। वन विभाग द्वारा 2004 में इस वन संपदा का आकलन 4,500 करोड़ रुपये किया गया, जो लगभग 1,200 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई है।
उनके पर्यावरणीय योगदान के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया था। 18 जनवरी 2019 को 97 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।
गोष्ठी में पूर्व जिलाध्यक्ष शांति प्रसाद भट्ट और प्रदेश महामंत्री विजय गुनसोला ने सकलानी जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे न केवल पर्यावरण संरक्षक बल्कि स्वतंत्रता संग्राम में भी अग्रणी भूमिका निभाने वाले योद्धा थे।
पूर्व जिलाध्यक्ष सूरज राणा व शहर अध्यक्ष कुलदीप सिंह पंवार ने बताया कि सकलानी जी कई बार जेल भी गए और उनका जीवन देशभक्ति व पर्यावरण सेवा की मिसाल है।
पूर्व विधानसभा प्रत्याशी नरेंद्र चंद्र रमोला, शहर अध्यक्ष शक्ति जोशी और पीसीसी सदस्य देवेंद्र नौडियाल ने कहा कि सकलानी जी टिहरी का गौरव हैं, और नई पीढ़ी को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से शांति प्रसाद भट्ट, विजय गुनसोला, कुलदीप सिंह पंवार, सूरज राणा, नरेंद्र चंद्र रमोला, साब सिंह सजवान, सोबन सिंह नेगी, देवेंद्र नौडियाल, सुमना रमोला, शक्ति प्रसाद जोशी और दीपक पंवार शामिल रहे।