हर एक सदस्य को है पेड़ लगाना

जीवन में हो एक लक्ष्य हमारा,
चाहे कोई माह हो, कोई पर्व प्यारा।
हर एक सदस्य को है बस पेड़ लगाना,
धरती को फिर से हरा-भरा बनाना।
स्वस्थ रहें, प्रसन्न रहें,
पौधारोपण का लें संकल्प सभी।
जब आँगन में लहराए हरियाली,
खुशहाल रहेगा परिवार,
निरोगी होगी हमारी जीवन-नौका।
आगे बढ़कर सबको समझाना है,
अगर न रहे वृक्ष और वन हमारे,
तो जीवन होगा कठिन,
साँस लेना भी हो जाएगा दुश्वार।
विकास जरूरी है,
पर विनाश से रहना होगा सावधान,
कहीं विकास की दौड़ में
हम न खो दें अपना अस्तित्व महान।
कर्म करें हम सब यही सोचकर,
देश, समाज और परिवार का हो कल्याण,
संतुलित रहे पर्यावरण हमारा,
यही हो हमारा अभिमान।
धरती, पानी, हवा, ताप और आकाश,
हर जीव के जीवन का आधार,
इन सबको रखें हम स्वच्छ और साफ,
यही है प्रकृति का सत्कार।
यदि इनमें हो गया असंतुलन,
तो प्रकृति का प्रकोप होगा विकराल,
बचना होगा न आसान,
इसलिए जीवन में हो एक लक्ष्य महान।
चाहे कोई माह हो, वर्ष हो या पर्व,
हर सदस्य लगाए एक-एक पौधा,
धरती को फिर से हरा-भरा बनाएँ,
यही हो हमारा सच्चा पर्व।
– डॉ. शशि बाला वर्मा
राजकीय महाविद्यालय, पोखरी पट्टी क्वीली