भविष्य की नींव: श्री देव सुमन विश्वविद्यालय ने रचा इतिहास, चन्द्रबदनी महाविद्यालय बना नया शैक्षणिक गढ़

भविष्य की नींव: श्री देव सुमन विश्वविद्यालय ने रचा इतिहास, चन्द्रबदनी महाविद्यालय बना नया शैक्षणिक गढ़
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महाविद्यालय बना देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय, बादशाहीथौल का नया परिसर

टिहरी गढ़वाल। उत्तराखंड की शिक्षा क्रांति में एक नया अध्याय जुड़ गया है! श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय, बादशाहीथौल, टिहरी गढ़वाल ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राजकीय महाविद्यालय चन्द्रबदनी (नैखरी) को अपने विश्वविद्यालय परिसर में तब्दील करने का फैसला किया है। यह निर्णय 17 जून 2025 को हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया, जिसने क्षेत्रीय युवाओं के लिए सुनहरे अवसरों के द्वार खोल दिए हैं।

नए क्षितिज, नई संभावनाएं
इस बैठक में कुलपति प्रो. एन. के. जोशी की अध्यक्षता में श्री दीपक कुमार (अनुसचिव, उच्च शिक्षा विभाग), संयुक्त निदेशक (उच्च शिक्षा निदेशालय, हल्द्वानी), डॉ. महन्थ मौर्य (प्राचार्य, राजकीय महाविद्यालय चन्द्रबदनी), और श्री दिनेश चन्द्रा (कुलसचिव) जैसे दिग्गजों ने हिस्सा लिया। फैसले के तहत, 1 जुलाई 2025 से राजकीय महाविद्यालय चन्द्रबदनी (नैखरी) आधिकारिक तौर पर श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर, चन्द्रबदनी (नैखरी) के रूप में जाना जाएगा।

शिक्षा का नया सूरज
कुलपति प्रो. जोशी ने इस कदम को उच्च शिक्षा में मील का पत्थर बताते हुए कहा, “यह विलय छात्रों के लिए नए क्षितिज खोलेगा। अब चन्द्रबदनी के युवाओं को विश्वस्तरीय शैक्षिक सुविधाएं, अनुसंधान के अवसर और नवाचार का मंच मिलेगा।” यह कदम न केवल विश्वविद्यालय के शैक्षिक और प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करेगा, बल्कि उत्तराखंड सरकार की उच्च शिक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।

छात्रों के लिए सुनहरा भविष्य
चन्द्रबदनी के इस नए परिसर में छात्रों को आधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ बेहतर शिक्षण, अनुसंधान और रोजगारपरक शिक्षा का अवसर मिलेगा। यह पहल स्थानीय युवाओं को अपनी प्रतिभा को निखारने और वैश्विक मंच पर चमकने का मौका देगी। साथ ही, यह कदम क्षेत्र में शिक्षा तक पहुंच को आसान बनाएगा और टिहरी गढ़वाल के शैक्षिक परिदृश्य को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।

यह ऐतिहासिक निर्णय श्री देव सुमन विश्वविद्यालय को क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर और सशक्त बनाएगा। चन्द्रबदनी परिसर न केवल शिक्षा का केंद्र बनेगा, बल्कि नवाचार और अनुसंधान का गढ़ भी होगा। यह कदम उत्तराखंड के युवाओं को सशक्त बनाने और उनके सपनों को पंख देने की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल है।

आइए, इस नए युग का स्वागत करें, जहां शिक्षा के बल पर उत्तराखंड का भविष्य और भी उज्ज्वल होगा!



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Govind Pundir

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