“वूमेन इम्प्रूविंग सोशल इंडिकेटर्स” विषय पर एक दिवसीय वेबिनर आयोजित

हल्द्वानी, 28 जून 2025 । एमबी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, हल्द्वानी और 24 यूके गर्ल्स बटालियन एनसीसी के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसका शीर्षक था “वूमेन इम्प्रूविंग सोशल इंडिकेटर्स”। इस वेबिनार का उद्देश्य महिलाओं के सशक्तिकरण और सामाजिक संकेतकों पर उनके सकारात्मक प्रभाव को रेखांकित करना था।
कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर एनएस बनकोटी के प्रेरक उद्बोधन से हुआ। उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि महिलाएं शिक्षा, स्वास्थ्य, और आर्थिक स्वतंत्रता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं। प्रो. बनकोटी ने जोर देकर कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उनके परिवार और समाज दोनों को मिलकर स्वस्थ माहौल प्रदान करना होगा।
मुख्य वक्ता डॉ. कविता बिष्ट, महाविद्यालय की चीफ प्रॉक्टर, ने महिलाओं के सशक्तिकरण की शुरुआत परिवार से होने की बात पर बल दिया। उन्होंने कहा, “जब परिवार में महिलाओं को निर्णय लेने की स्वतंत्रता और सम्मान मिलता है, तभी वे समाज में अपनी मजबूत पहचान बना सकती हैं।” डॉ. बिष्ट ने सामाजिक और पारिवारिक परिवेश के महत्व को रेखांकित करते हुए महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया।डॉ. दीपा सिंह, दूसरी मुख्य वक्ता, ने भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर का उदाहरण देते हुए बताया कि महिलाएं आज रक्षा, चिकित्सा, शिक्षा, और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। उन्होंने छात्राओं से अपील की कि वे एकेडमिक्स के साथ-साथ एनसीसी और एनएसएस जैसी पाठ्य-सहगामी गतिविधियों में भाग लेकर अपने मानसिक और शारीरिक मनोबल को मजबूत करें।कर्नल मनोज कुमार कांडपाल, 24 यूके गर्ल्स बटालियन, ने सामाजिक संकेतकों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, और आर्थिक विकास पर महिलाओं के योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “महिलाओं की शिक्षा और कार्यबल में बढ़ती भागीदारी न केवल परिवारों, बल्कि पूरे समाज के लिए बेहतर परिणाम लाती है।”
कार्यक्रम का संचालन लेफ्टिनेंट डॉ. ज्योति टम्टा ने कुशलतापूर्वक किया। उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि महिलाओं की प्रगति शिक्षा, आर्थिक सशक्तिकरण, स्वास्थ्य, और राजनीतिक भागीदारी जैसे क्षेत्रों में सामाजिक विकास को गति देती है। उन्होंने कहा, “शिक्षित और आर्थिक रूप से स्वतंत्र महिलाएं न केवल अपने परिवार का स्तर ऊंचा उठाती हैं, बल्कि सामाजिक बुराइयों जैसे बाल विवाह और लैंगिक भेदभाव को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।”
कार्यक्रम में डॉ. कामिका चौधरी और डॉ. दिनेश जायसवाल ने भी अपने विचार साझा किए। वेबिनार में डॉ. कृष्ण भारती, विभिन्न महाविद्यालयों के प्राध्यापक, एनसीसी अधिकारी, कैडेट्स, और अन्य गणमान्य अतिथि शामिल हुए। यह आयोजन महिलाओं के सशक्तिकरण और सामाजिक विकास में उनकी भूमिका को उजागर करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।