रंजना रावत ने फूड प्रोसेसिंग के जरिए पेश की आत्मनिर्भरता की मिसाल: महिलाओं को दे रही हैं रोजगार

रंजना रावत ने फूड प्रोसेसिंग के जरिए पेश की आत्मनिर्भरता की मिसाल: महिलाओं को दे रही हैं रोजगार
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चारधाम यात्रा मार्गों पर आउटलेट के माध्यम से स्थानीय उत्पादों की बिक्री

मेले और प्रदर्शनी के दौरान रोजगार को मिलती है रफ्तार

टिहरी गढ़वाल। जनपद टिहरी गढ़वाल में ग्रामोत्थान परियोजना और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना स्थानीय आर्थिकी को मजबूत करने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं।

जिलाधिकारी नितिका खण्डेलवाल के निर्देशन में जनपद क्षेत्रान्तर्गत समस्त विकासखंडो में ग्रामोत्थान और एनआरएलएम के माध्यम से कई ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने का संकल्प लिया है। रंजना रावत ने फूड प्रोसेसिंग व्यवसाय को अपनाकर आत्मनिर्भरता की एक नई मिसाल पेश की है। साथ ही अन्य महिलाओं को भी प्रशिक्षण के साथ रोजगार उपलब्ध करा रही है।

विकासखंड कीर्तिनगर के ग्राम सुपाना निवासी रंजना रावत ने ग्रामोत्थान की परियोजनाओं के साथ राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर खुशहाल स्वयं सहायता समूह का गठन कर समूह की 10 महिलाएं के साथ मिलकर फूड प्रोसेसिंग का व्यवसाय शुरू किया।

रंजना रावत ने बताया कि एनआरएलएम के सहयोग उन्होंने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना (पीएमएफएमई) के तहत फूड प्रोसेसिंग के लिए 60 प्रतिशत की सब्सिडी पर एक लाख का लोन लेकर मिक्सर ग्राइंडर, पल्प मशीन, वेट और जूस मशीनों को ख़रीदा। इन मशीनों के माध्यम से वह कई प्रकार के फलों का जूस बना रही हैं, जिसमें माल्टा, बुरांश, गुलाब का जूस अत्यधिक मात्रा में बाजार में सप्लाई किया जाता है।

उन्होंने बताया कि फूड प्रोसेसिंग के व्यवसाय से जुड़कर वह हर माह 20 से 25 हजार रूपये कमाकर अपनी आर्थिकी को मजबूत कर रही है। साथ ही समूह की अन्य महिलाओं को प्रतिदिन 250 रूपये का रोजगार देकर सशक्त बना रही हैं। रंजना रावत का फूड प्रोसेसिंग व्यवसाय न केवल अपने लिए आत्मनिर्भर की मिसाल बन रहा है साथ ही अन्य महिलाओं को भी प्रशिक्षण के साथ रोजगार देकर सशक्त बना रहा है।

चारधाम यात्रा मार्ग धारी देवी मंदिर के पास सड़क किनारे लगे हिमान्य आउटलेट के माध्यम से फूड प्रोसेसिंग से बनाए गए उत्पादों की अच्छी खासी बिक्री हो रही है। रंजना रावत ने बताया कि वह ‘हिमान्य आउटलेट’ के माध्यम से अपने उत्पादों को प्रदर्शित कर बेच रहे हैं तथा स्थानीय पहाड़ी दाले, विभिन्न प्रकार के अचार और फलों के जूस यात्रियों को काफी पसंद आ रहे हैं।

जनपद स्तर पर समय-समय पर आयोजित तमाम मेले और प्रदर्शनियों के दौरान फूड प्रोसेसिंग के माध्यम से बनाए गए पहाड़ी उत्पादों की बिक्री होने से रोजगार में रफ्तार आती है। रंजना रावत ने बताया कि तमाम मेले, महोत्सव, सरस मेला, बहुउद्देशीय मेले, सरकारी योजनाओं के कैम्प, विभागीय प्रदर्शनियों के दौरान हमारे उत्पादों की अच्छी बिक्री हो जाती है। उनके द्वारा जनपद मुख्यालय में भी अपने उत्पादो का व्यापार किया जा रहा है। 3के (3K) आउटलेट के माध्यम से वह कीर्तिनगर के चौरास क्षेत्र में तमाम पहाड़ी उत्पादों से बनी चीजों को बेच रही है। विकास भवन में तमाम अतिथियों को तौफे के तौर पर दिए जा रहे प्रोडक्ट की सप्लाई भी कर रही है।

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Govind Pundir

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