श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय का सख्त एक्शन: 17 कॉलेजों पर गिरी गाज, प्रवेश व परीक्षा परिणामों पर तत्काल रोक

श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय का सख्त एक्शन: 17 कॉलेजों पर गिरी गाज, प्रवेश व परीक्षा परिणामों पर तत्काल रोक
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👉 25 मार्च तक बार-बार भेजे 12 रिमाइंडर, फिर भी नहीं मानी बात
👉 प्रवेश पोर्टल किए गए बंद, आगामी आदेश तक परिणाम भी रोक

टिहरी गढ़वाल। श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय ने संबद्ध स्ववित्तपोषित संस्थानों की लगातार लापरवाही पर बड़ा कदम उठाते हुए 17 संस्थानों के प्रवेश व परीक्षा परिणामों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। इन संस्थानों के प्रवेश पोर्टल भी ब्लॉक कर दिए गए हैं।

विश्वविद्यालय द्वारा यह कार्रवाई 16 जून 2025 को हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद की गई, जिसमें सभी संबद्ध निजी संस्थानों के प्रमुख उपस्थित रहे। बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि सप्ताहभर के भीतर निरीक्षण और फैकल्टी अनुमोदन अनिवार्य रूप से पूरा किया जाए, अन्यथा कार्रवाई सुनिश्चित है।

🔍 लंबे समय से लंबित थे जरूरी दस्तावेज:
कुलपति प्रो. जोशी के अनुसार, विश्वविद्यालय द्वारा मार्च 2025 से अब तक 12 स्मरण पत्र भेजे गए थे, जिनमें संस्थानों को निर्देश दिए गए थे कि निरीक्षण रिपोर्ट और फैकल्टी की अनुमोदन प्रक्रिया पूर्ण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

लेकिन दी गई समयसीमा और अंतिम चेतावनी के बाद भी इन 17 संस्थानों ने कोई ठोस पहल नहीं की, जिसके बाद विश्वविद्यालय ने यह कठोर निर्णय लिया।


⚠️ इन 17 संस्थानों पर कार्रवाई

  1. बीएसएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, रुड़की
  2. बीएसएम (पी.जी.) कॉलेज, रुड़की
  3. दून इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर एंड एलाइड साइंसेज, देहरादून
  4. गढ़वाल महाविद्यालय, उत्तरकाशी
  5. ज्ञान उदय कॉलेज, रुड़की
  6. आइडियल बिजनेस स्कूल, हरिद्वार
  7. इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, देहरादून
  8. जीवन ज्योति कॉलेज, खानपुर
  9. एम.पी.जी. कॉलेज, मसूरी
  10. एनडब्ल्यूटी कॉलेज, देहरादून
  11. एसबी कॉलेज ऑफ एजुकेशन, विकासनगर
  12. संस्कृति इंस्टीट्यूट, हरिद्वार
  13. एसजीबीजी मेमोरियल कॉलेज, चमोली
  14. सृष्टि इंस्टीट्यूट, रुड़की
  15. उत्तरांचल कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, देहरादून
  16. उत्तरांचल पी.जी. कॉलेज, पथरी हरिद्वार
  17. वीएमके पी.जी. कॉलेज, मंगलौर

🧾 विश्वविद्यालय की चेतावनी:

“शैक्षणिक गुणवत्ता और नियमानुसार संचालन से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यदि भविष्य में भी किसी संस्थान ने नियमों की अवहेलना की तो और भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
प्रो. जोशी, कुलपति


📌 निष्कर्ष:
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय की यह कार्रवाई राज्य में उच्च शिक्षा में शासन, पारदर्शिता और गुणवत्ता नियंत्रण को मजबूत बनाने की दिशा में मील का पत्थर मानी जा रही है। यह संदेश साफ है – अब लापरवाही नहीं चलेगी।


📰 रिपोर्ट: www.garhninad.com
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Govind Pundir

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