श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय का कड़ा फैसला: एक सप्ताह में निरीक्षण और फैकल्टी अनुमोदन नहीं तो 2025-26 सत्र में प्रवेश पर रोक

टिहरी गढ़वाल। श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय ने सम्बद्ध संस्थानों और महाविद्यालयों के लिए कड़ा रुख अपनाते हुए स्पष्ट चेतावनी जारी की है। विश्वविद्यालय मुख्यालय में कुलपति प्रो. एन.के. जोशी की अध्यक्षता में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में निर्णय लिया गया कि जिन संस्थानों ने निरीक्षण और फैकल्टी अनुमोदन की प्रक्रिया को अब तक पूरा नहीं किया है, उन्हें एक सप्ताह का अंतिम समय दिया जाता है।
कुलपति ने कहा कि अगर यह कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूरा नहीं हुआ, तो आगामी सत्र 2025-26 में ऐसे संस्थानों को विश्वविद्यालय के समर्थ पोर्टल पर प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी और उनका नाम पोर्टल से हटा दिया जाएगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित संस्थानों की होगी।विश्वविद्यालय ने पहले ही 12 स्मरण पत्र भेजकर संस्थानों को 25 मार्च तक निरीक्षण और फैकल्टी अनुमोदन की रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया था, लेकिन कई संस्थानों की लापरवाही के चलते यह प्रक्रिया अधूरी रही।
कुलपति प्रो. जोशी ने साफ किया कि विश्वविद्यालय अब ऐसी उदासीनता बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने पारदर्शी और जवाबदेह कार्यप्रणाली को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाने का संकल्प लिया है। बैठक में यह भी निर्देश दिया गया कि जिन संस्थानों की संबद्धता समाप्त हो चुकी है, वे एक सप्ताह के भीतर निरीक्षण रिपोर्ट और फैकल्टी अनुमोदन विश्वविद्यालय को प्रस्तुत करें, ताकि छात्रों को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े। यह कदम छात्रहित और शैक्षणिक गुणवत्ता को सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
बैठक में कुलसचिव श्री दिनेश चंद्रा, सहायक परीक्षा नियंत्रक डॉ. बी.एल. आर्य, श्री कुलदीप सिंह, श्री विरेंद्र नेगी, श्रीमती पूनम रावत, श्रीमती नीलम सेमल्टी, श्री अमित सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
यह निर्णय विश्वविद्यालय की शैक्षणिक प्रणाली में सुधार और अनुशासन को दर्शाता है, जिससे सम्बद्ध संस्थानों को नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया जा सके।