टिहरी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव: 578 आपत्तियों का त्वरित निवारण, पारदर्शिता पर जोर

टिहरी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव: 578 आपत्तियों का त्वरित निवारण, पारदर्शिता पर जोर
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टिहरी गढ़वाल, 18 जून 2025 । जनपद टिहरी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण रोस्टर जारी होने के बाद दर्ज हुई 578 आपत्तियों पर जिलाधिकारी व जिला निर्वाचन अधिकारी नितिका खण्डेलवाल ने 16 और 17 जून को जिला सभागार में देर शाम तक जन सुनवाई की। इस दौरान पारदर्शी चयन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक आपत्ति का त्वरित और निष्पक्ष निवारण किया गया।

डीएम टिहरी नितिका खंडेलवाल

आपत्तियों का ब्योरा
जिलाधिकारी ने बताया कि कुल 578 आपत्तियों में प्रधान पद के लिए 353, क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए 114, जिला पंचायत सदस्य के लिए 103 और प्रमुख पद के लिए 8 आपत्तियां शामिल थीं। सुनवाई के दौरान एक्सेल के जरिए पदों की गणना की गई और आपत्तिकर्ताओं की मौजूदगी में बड़ी स्क्रीन पर प्रदर्शित कर समाधान किया गया।

विकास खंडवार आंकड़े
जिला पंचायत राज अधिकारी एम.एम. खान ने बताया कि सुनवाई में मुख्य विकास अधिकारी वरूणा अग्रवाल और संबंधित कार्मिकों ने भी हिस्सा लिया। विकास खंडवार आपत्तियों का विवरण इस प्रकार है:

प्रधान पद: जौनपुर में सर्वाधिक 65, थौलधार और भिलंगना में 53-53, कीर्तिनगर में 45, प्रतापनगर में 42, नरेन्द्रनगर में 33, जाखणीधार में 24, देवप्रयाग और चम्बा में 19-19 आपत्तियां।

क्षेत्र पंचायत सदस्य: जौनपुर में 20, थौलधार में 19, कीर्तिनगर में 17, देवप्रयाग में 14, नरेन्द्रनगर में 11, भिलंगना में 10, प्रतापनगर और चम्बा में 8-8, जाखणीधार में 7 आपत्तियां।

जिला पंचायत सदस्य: भिलंगना में 46, जौनपुर में 15, प्रतापनगर में 13, कीर्तिनगर में 9, नरेन्द्रनगर में 8, जाखणीधार में 5, देवप्रयाग में 4, चम्बा में 2 और थौलधार में 1 आपत्ति।

प्रमुख पद: देवप्रयाग में 3, चम्बा में 2, जौनपुर, कीर्तिनगर और भिलंगना में 1-1 आपत्ति।

पारदर्शिता और त्वरित कार्रवाई पर जोर
जिलाधिकारी नितिका खण्डेलवाल ने कहा, “निर्वाचन आयोग और शासन के निर्देशों के अनुरूप, पंचायत चुनाव की चयन प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाने के लिए हर आपत्ति का समयबद्ध समाधान किया गया।” उन्होंने आधुनिक तकनीक के उपयोग और आपत्तिकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी को प्रक्रिया की सफलता का आधार बताया।

यह कदम न केवल टिहरी में निष्पक्ष पंचायत चुनाव की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि ग्रामीण लोकतंत्र को और सशक्त बनाने का भी प्रतीक है।


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Govind Pundir

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