नाबार्ड ने मनाया 44वां स्थापना दिवस, ग्रामीण नवाचार और समावेशी विकास पर विशेष जोर

देहरादून, 15 जुलाई 2025: राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने चेन्नई में अपने 44वें स्थापना दिवस पर भव्य समारोह आयोजित किया। कार्यक्रम का मुख्य विषय रहा “समावेशी विकास के लिए ग्रामीण उद्यमिता को प्रोत्साहन”।
इस अवसर पर नाबार्ड अध्यक्ष श्री शाजी के. वी., डीएफएस सचिव श्री एम. नागराजू, तमिलनाडु के मुख्य सचिव श्री एन. मुरुगानंदम सहित केंद्र एवं राज्य सरकारों, बैंकिंग संस्थानों और नवाचार क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधि शामिल हुए।
प्रमुख घोषणाएं एवं पहलें:
- लेह (लद्दाख) में उप-कार्यालय का उद्घाटन, सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास हेतु।
- ग्रामीण हितधारकों के लिए WhatsApp चैनल, एफपीओ और बाजार संबंधी जानकारी हेतु।
- रेडियो जिंगल अभियान, वित्तीय साक्षरता बढ़ाने के लिए।
- GRIP योजना, अत्यंत गरीब ग्रामीण परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए।
- रूरल टेक्नोलॉजी को-लैब पोर्टल, नवाचार और तकनीकी सह-निर्मिति को बढ़ावा देने हेतु।
- ‘निवारण’ प्लेटफॉर्म, ग्रामीण बैंकों के लिए 24×7 डिजिटल शिकायत समाधान व्यवस्था।
कार्यक्रम में ‘ग्रीन रूट्स’ वृत्तचित्र का प्रदर्शन और तीन प्रमुख प्रकाशनों – RIDF@30, ग्रामीण भारत महोत्सव कॉफी टेबल बुक और बियॉन्ड नंबर्स 2025 – का विमोचन किया गया।
अध्यक्ष शाजी के. वी. ने कहा कि “44 वर्षों की यात्रा ग्रामीण भारत में सकारात्मक परिवर्तन और सतत विकास की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।” सचिव नागराजू ने नाबार्ड को “ग्रामीण रणनीति की रीढ़” बताया।
इस आयोजन ने नाबार्ड की भविष्य की दिशा को रेखांकित किया – नवाचार, समावेशन और प्रभाव की दृष्टि के साथ ग्रामीण भारत के विकास में अग्रणी भूमिका निभाना।