गंगा में डूबते सात शिवभक्तों को SDRF ने बचाया: कांवड़ मेले में साहस और सेवा का अद्वितीय उदाहरण

गंगा में डूबते सात शिवभक्तों को SDRF ने बचाया: कांवड़ मेले में साहस और सेवा का अद्वितीय उदाहरण
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हरिद्वार। कांवड़ मेला 2025 के दौरान हरिद्वार के कांगड़ा घाट पर ड्यूटी में तैनात एसडीआरएफ उत्तराखंड की डीप डाइविंग टीम ने अलग-अलग घटनाओं में डूबते हुए सात शिवभक्तों को समय रहते रेस्क्यू कर उनकी जान बचाई।

पहली घटना सुबह 10:15 बजे की है, जब गंगा स्नान के दौरान सिरसा, हरियाणा निवासी 15 वर्षीय दिवाकर का पैर फिसल गया और वह तेज बहाव में बहने लगा। एसडीआरएफ टीम के नीतेश खेतवाल और प्रेम चौहान ने तुरंत गंगा में डाइव लगाई और सुरेश मलासी व सुरेंद्र की सहायता से थ्रो बैग और अन्य रेस्क्यू उपकरणों का प्रयोग करते हुए उसे सुरक्षित बाहर निकाला गया।

दूसरी घटना दोपहर 13:48 बजे की है। बड़ौत, उत्तर प्रदेश निवासी 14 वर्षीय अंश नदी किनारे चेन पकड़कर स्नान कर रहा था कि अचानक उसका संतुलन बिगड़ गया और वह बहने लगा। इस पर टीम के एचसी विजय खरोला और शिवम सिंह ने तुरंत नदी में डाइव लगाई। कांस्टेबल कविंद्र और अंकित पाल ने भी रेस्क्यू में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई और बालक को सुरक्षित बाहर निकाला गया।

तीसरी घटना 15:30 बजे हुई, जब दिल्ली के स्वरूप नगर बुराड़ी निवासी 17 वर्षीय विष्णु गंगा पार करने की कोशिश में बहने लगा। टीम ने तत्काल डग्गी की मदद से उसे रेस्क्यू करने का निर्णय लिया। एचसी आशिक अली डग्गी से, जबकि नीतेश खेतवाल ने तैरकर विष्णु तक पहुंच बनाई। कांस्टेबल रमेश भट्ट ने थ्रो बैग फेंककर सहयोग किया, और समन्वित प्रयासों से शिवभक्त को डग्गी में बैठाकर किनारे लाया गया।

चौथी घटना 17:13 बजे की है, जब सिरसा, हरियाणा निवासी 19 वर्षीय रंजीत गंगा पार करते समय थककर डूबने लगा। एसडीआरएफ टीम की नजर उस पर पड़ी और बिना विलंब किए टीम ने डाइव लगाकर उसे सुरक्षित बाहर निकाला।

पांचवीं घटना: बैरागी कैंप घाट पर ब्रह्मपाल (38, बिजनौर) रेलिंग पार कर गंगा में बह गए, जिन्हें SDRF टीम ने समय रहते बचा लिया।

छठी घटना: बैरागी कैंप घाट पर सुशांत सिंह (33, पानीपत) ने नदी में छलांग लगा दी। लेकिन SDRF जवान गुड्डू कुमार और चंदन ने डाइव लगाकर उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला।

सातवीं घटना: प्रेमनगर आश्रम घाट पर दोपहर 12:50 बजे रजनीश कुमार (20, जींद, हरियाणा) गंगा के तेज बहाव में बहने लगे। मौके पर मौजूद SDRF कांस्टेबल सुभाष ने त्वरित डाइविंग कर उनकी जान बचाई।

एसडीआरएफ उत्तराखंड ने एक बार फिर साबित किया कि वह हर आपात स्थिति में तत्परता, साहस और समर्पण के साथ जनसेवा में अग्रणी भूमिका निभा रही है।


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Govind Pundir

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