UCBs डिजिटल बदलाव की ओर, समावेशी विकास को दे रहे नया आयाम

देहरादून, 08 जुलाई 2025 । नेशनल अर्बन कोऑपरेटिव फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NUCFDC) और ट्रांसयूनियन सिबिल ने संयुक्त रूप से ‘सहकार ट्रेंड्स’ रिपोर्ट का पहला संस्करण 2025 क्रेडिट कॉन्फ्रेंस में जारी किया। रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2025 तक अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों (UCBs) का कुल पोर्टफोलियो बैलेंस 2.9 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है, जो 2020 की तुलना में 1.8 गुना वृद्धि है।
रिपोर्ट में बताया गया कि UCBs तकनीक-आधारित बदलाव के साथ वित्तीय समावेशन में अहम भूमिका निभा रहे हैं। इनकी सेवाएं खासकर छोटे शहरों और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में ऋण उपलब्ध कराने में मददगार साबित हो रही हैं।
NUCFDC के CEO प्रभात चतुर्वेदी ने कहा कि “UCBs अब डिजिटल तकनीक, डेटा विश्लेषण और सहयोग से खुद को आधुनिक बना रहे हैं, जिससे वे समावेशी विकास के नए युग का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं।”
UCBs वर्तमान में 9 करोड़ से अधिक लोगों को सेवाएं दे रहे हैं और 2030 तक बैंकिंग क्षेत्र में अनुमानित 11.5% वार्षिक वृद्धि के बीच यह सेक्टर भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था लक्ष्य में योगदान के लिए तैयार है।