हर्षिल घाटी में आपदा के बाद UPCL ने न्यूनतम समय में बहाल की बिजली आपूर्ति: SDRF का राहत एवं बचाव अभियान जारी

उत्तरकाशी, 9 अगस्त 2025 । उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद की हर्षिल घाटी में हाल ही में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के कारण विद्युत तंत्र पूरी तरह ठप हो गया था। लगातार भारी वर्षा, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं से पोल, तार, ट्रांसफार्मर और उपसंस्थानों को गंभीर क्षति पहुँची। सड़क मार्ग बाधित होने से राहत सामग्री और विद्युत उपकरण पहुँचाना एक बड़ी चुनौती बन गया।
ऐसे विकट हालात में उत्तराखण्ड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने त्वरित और सुनियोजित कार्रवाई कर न्यूनतम समय में बिजली आपूर्ति बहाल करने में सफलता हासिल की। यह कार्य दो चरणों में संपन्न हुआ। पहले चरण में 125 केवीए क्षमता का डीजल जनरेटर सेट देहरादून एयरपोर्ट से चिन्यालीसौड़ होते हुए हर्षिल तक एयरलिफ्ट किया गया। इसके साथ ही कंडक्टर, पोल, सर्विस लाइन, इंसुलेटर और अन्य आवश्यक विद्युत सामग्री भी हेलीकॉप्टर से भेजी गई। इस प्रक्रिया में सेना और प्रशासन के साथ निरंतर समन्वय रखा गया। 10 सदस्यीय तकनीकी दल को भी हेलीकॉप्टर के माध्यम से विद्युत सामग्री के साथ मौके पर पहुँचाया गया।
दूसरे चरण में UPCL के इंजीनियरों और लाइनमैनों ने हाई अलर्ट मोड में दिन-रात काम करते हुए क्षतिग्रस्त पोल और तारों को बदला, नई सर्विस लाइनों को जोड़ा और DG सेट के माध्यम से अस्थायी आपूर्ति शुरू की। इसके अलावा, सौर ऊर्जा और 25 किलोवाट क्षमता वाले माइक्रो हाइड्रो ग्रिड को भी जोड़ा गया, जिससे माँ गंगा जी के शीतकालीन स्थल मुखवा गाँव सहित घाटी में स्थिर और सतत बिजली उपलब्ध कराई जा सकी। कठिन मौसम, लगातार वर्षा, ठंड और ऊँचाई पर काम करने जैसी चुनौतियों के बावजूद UPCL टीम ने सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए यह कार्य समय पर पूरा किया।
इसी दौरान, आपदा प्रभावित धराली क्षेत्र में SDRF सेनानायक अर्पण यदुवंशी के नेतृत्व में राहत एवं बचाव अभियान जारी है। SDRF की टीम मलबे में दबे संभावित लोगों की तलाश के लिए Victim Locating Camera (VLC), थर्मल इमेजिंग कैमरा, ड्रोन तकनीक, डॉग स्क्वाड और Rotary Rescue Saw जैसे अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग कर रही है। इसके साथ ही, स्थानीय प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से कम्युनिटी किचन के माध्यम से प्रभावित लोगों को निःशुल्क भोजन वितरण भी किया जा रहा है।
UPCL के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने कहा कि “हर्षिल घाटी में बिजली बहाल करना अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य था, लेकिन हमारी टीम ने त्वरित कार्य कर इसे संभव कर दिखाया। एयरलिफ्ट ऑपरेशन, हाई-ऑल्टिट्यूड फील्डवर्क और माइक्रो हाइड्रो ग्रिड के संयोजन से यह उपलब्धि हासिल हुई है।” उन्होंने कहा कि UPCL इस सफलता को जन सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के रूप में देखता है और आपदा जैसी परिस्थितियों में भी उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति देने के लिए सदैव तत्पर है।
स्थानीय प्रशासन, सेना, SDRF और जनता के संयुक्त प्रयासों से हर्षिल घाटी में बिजली बहाली और राहत कार्यों ने आपदा के बीच जनजीवन को तेज़ी से सामान्य करने में अहम भूमिका निभाई है।