प्राकृतिक राखियों से आत्मनिर्भरता की राह पर जौनपुर की महिलाएं

टिहरी गढ़वाल, 8 अगस्त 2025। जौनपुर ब्लॉक के नैनबाग क्षेत्र की महिलाएं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के माध्यम से आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश कर रही हैं। टिकरी गांव के ‘मां भवानी ग्राम संगठन’ और ‘राधा रानी स्वयं सहायता समूह’ की महिलाएं पिरुल, रेशम, मोर पंख, मोती और धागों जैसी प्राकृतिक सामग्री से आकर्षक राखियाँ बना रही हैं, जिनकी बाजार में खास मांग है।
समूह अध्यक्ष सोनम खन्ना ने बताया कि इस वर्ष पंचायत चुनावों के कारण 5000 राखियाँ ही तैयार हो सकीं। पिरुल राखी की लागत ₹5 और बिक्री ₹40–50, जबकि मोर पंख व मोती वाली राखी की लागत ₹10–15 और बिक्री ₹50–60 में हो रही है।
समूह की नीलम धीमान ने कहा कि एनआरएलएम से महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है और वे अन्य महिलाओं को भी प्रशिक्षण दे रही हैं। उत्तरकाशी और विकासनगर से राखियों के ऑर्डर मिले हैं, साथ ही प्रशिक्षण शिविरों की मांग भी बढ़ रही है। महिलाएं राखी के अलावा अचार, सजावटी सामग्री और पहाड़ी उत्पाद तैयार कर “लखपति दीदी” बनने का लक्ष्य रखती हैं।