गौरा देवी जैव-विविधता तालाब संरक्षण हेतु हेरला पर्व में वृक्षारोपण

गौरा देवी जैव-विविधता तालाब संरक्षण हेतु हेरला पर्व में वृक्षारोपण
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सिर्फ हवाई बातें करने से नहीं बचेगी जैव विविधता – डॉ० मधु

गढ़ निनाद न्यूज़  * 16 जुलाई 2020
देहरादून: डिफेन्स कालोनी तथा शाह नगर के मध्य स्थित गौरा देवी जैव विविधता तालाब में धाद महिला सभा द्वारा वृक्षारोपण कार्यक्रम किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रायपुर विधायक श्री उमेश शर्मा “काऊ” ने क्षेत्र की सभी जनता को शुभकामनाएं एवं बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखंड की प्रकृति और समाज से उपजा खुशहाली का पर्व हरेला मानते हुए सबको पर्यावरण संरक्षण करना चाहिये। उन्होंने कहा कि वृक्ष जीवन का आधार हैं। विद्यायक ने देवी जैव विविधता संरक्षण हेतु वृक्षारोपण कार्यक्रम के लिए प्रो० मधु थपलियाल, संयोजिका धाद महिला सभा को विशेष बधाई दी।

कार्यक्रम के अति विशिष्ट अतिथि क्षेत्रीय पार्षद श्री राकेश पंडित ने कहा कि हमारे पर्यावरण में जीव जंतु वृक्ष सभी का बराबर महत्व है और पर्यावरण के रक्षा करना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है। पार्षद श्री राकेश पंडित ने तालाब के संरक्षण हेतु आवाज उठाने के लिए डॉ० मधु थपलियाल की सराहना की।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पूर्व पार्षद एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ० आर० पी० रतूड़ी ने बताया कि डॉ0 मधु तथा क्षेत्र के सभी लोगों द्वारा तालाब को बचाने के लिए जो लडाई लड़ी गयी, आज उसी का परिणाम है कि हम सभी प्रकृति के बीच में बैठ कर शुद्ध वायु में सांस ले पा रहे है। श्री रतूड़ी ने कहा कि यदि समय से ये आवाज नहीं उठाई गयी होती तो जैव विविधिता का धनी ये तालाब हम खो देते।
विशिष्ट अतिथि सैनिक कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष कर्नल सुन्दर लाल पैन्यूली ने बताया कि यह 100 साल पुराना तालाब जैव विविधिता का धनी था। उन्होंने बताया कि इस तालाब में कई प्रकार के मछलियाँ, मेंढक, कछुवे और चिड़िया का घर है। 

गौरा देवी जैव विविधता तालाब संरक्षण हेतु हेरला पर्व में किया गया वृक्षा रोपण कार्यक्रम. सिर्फ हवाई बातें करने से नहीं बचेगी जैव विविधता – डा० मधु pic.twitter.com/Optk4WAthC

— Garh Ninad (@GarhNinad) July 18, 2020

साहित्यकार सुनीता चौहान ने प्रकृति प्रेम का सन्देश देते हुए अपनी कविता सुनायी और तालाब बचने के लिए डॉ0 मधु का आभार व्यक्त किया। गोरखपुर के वृद्ध निवासी श्री वर्मा जे ने बताया कि उन्होंने इस तालाब का असल रूप भी देखा है, ख़राब होते हुए भी देखा है और आज जो लोग तालाब के संरक्षण के लिए आगे आये हैं, उन्हें इस से उम्मीद जगी है कि अब ये तालाब अपने वास्तविक रूप में आ जायेगा। इसके लिए उन्होंने डॉ0 मधु एवं उनके सभी सहयोगियों का धन्यवाद किया।
धाद महिला सभा तथा कार्यक्रम की संयोजिका डॉo मधु थपलियाल ने बताया कि ये प्रकृति का ही आदेश होता है कि हमें उसका संरक्षण करना आवश्यक है अन्यथा प्रकृति केदारनाथ आपदा, कोरोना जैसे रौद्र रूप दिखा कर यह बताती है कि प्रकृति सर्व शक्तिशाली है, मनुष्य नहीं। उन्होंने कहा कि इस जैव विविधिता संरक्षण की लडाई में उन सभी का आभार जताया जो शुरु से उनके साथ थे। उन्होंने बताया कि सभी देवी देवता वैज्ञानिक सोच के थे – इसी कारण उनका आवास हमेशा प्रकृति के बीच में होता था न कि सोने के महलों के अंदर। उन्होंने पार्षद, डिफेंस कॉलोनी, फ्रेंड्स कालोनी के सदस्यों का धन्यवाद किया। इसके बाद सभी के द्वारा वृक्षा रोपण किया गया।


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