एरियल फोटोग्राफी और रिमोट सेंसिंग सर्वे की राह आसान, जानिए विस्तार से

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Launch of website to grant of permission for aerial photography and remote sensing survey
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अनुमति की प्रक्रिया आसान बनाने के लिए रक्षा मंत्रालय का वेबपोर्टल शुरू

गढ़ निनाद समाचार * दिल्ली, 06 जनवरी 2020

दिल्ली: आज रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) की अनुमति से एरियल फोटाग्राफी और रिमोट सेंसिंग सर्वे के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल करने की प्रक्रिया सहज और आसान बनाने के लिए आज मंत्रालय की ओर से एक नया वेब पोर्टल www.modnoc.ncog.gov.in जारी किया।

अनापत्ति प्रमाण पत्र में कम समय और सरल बनाने के लिए वेबपोर्टल शुरू

श्री सिंह ने इस अवसर पर कहा कि अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल करने में लगने वाले समय की निगरानी के लिए एक आंतरिक प्रकिया विकसित करना जरूरी है। इसे ध्‍यान में रखते हुए ही यह वेबपोर्टल बनाया गया है। उन्‍होंने कहा कि राज्‍य सरकारों/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और स्‍वायत्‍त संस्‍थाओं के विभिन्‍न वेंडर ए‍रियल फोटोग्राफी और रिमोट सेंसिंग के माध्‍यम से सर्वे के लिए रक्षा मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल करने के वास्‍ते इस पोर्टल का इस्‍तेमाल कर सकेंगे।  

रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार ने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के प्‍लेटफार्म पर बनाए गए इस  पोर्टल की मुख्य विशेषताओं और लाभों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इस पहल के माध्यम से रक्षा मंत्रालय आमतौर पर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने में लगने वाले समय को काफी कम कर सकेगा। इसके अतिरिक्त‍ यह पहल विभिन्न एजेंसियों की विकास परियोजनाओं को गति देने में मदद करेगी। इसके अलावा, यह हवाई सर्वेक्षणों में अधिक पारदर्शिता और सटीकता को भी सुनिश्चित करेगा।

आवेदन वेब पोर्टल पर जमा करने की सुविधा 

रक्षा सचिव ने डीजीसीए से अनुरोध किया कि वह इस बारे में सभी संबंधित पक्षों के नाम ताकि वे अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए अपने ऑनलाइन आवेदन रक्षा मंत्रालय द्वारा बनाए गए नए वेब पोर्टल के जरिए जमा कर सकें। आवेदकों की सुविधा के लिए वेब पोर्टल पर एक ई-बुक भी अपलोड की गई है जिसमें आवदेन करने की समूची प्रक्रिया की जानकारी दी गई है।

इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया और नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह के अलावा रक्षा मंत्रालय, इलेक्‍ट्रानिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा नागर विमानन महानिदेशालय के कई वरिष्ठ‍ठ अधिकारी भी मौजूद थे।


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