मंगेश घिल्डियाल ने टिहरी के 53वें जिलाधिकारी के रूप में कमान संभाली

मंगेश घिल्डियाल ने टिहरी के 53वें जिलाधिकारी के रूप में कमान संभाली
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सोशल मीडिया पर बधाइयों का तांता

गढ़ निनाद न्यूज़ * 24 मई 2020

नई टिहरी। जिलाधिकारी श्री मंगेश घिल्डियाल(आईएस) ने आज टिहरी जिले के 53वें जिलाधिकारी के तौर पर कार्यभार संभाल लिया है। श्री मंगेश घिल्डियाल 2011 बैच के IAS अफसर हैं। वह इससे पहले बागेश्वर और हाल ही में रुद्रप्रयाग के लोकप्रिय जिलाधिकारी रहे हैं। 

नए जिलाधिकारी के रूप में कार्यभार ग्रहण करने पर सोशल मीडिया में शुभकामनाओं का अम्बार लगा हुआ है। यह उनकी सरल स्वभाव, ठेठ पहाड़ी अंदाज का ही परिणाम है।

रविवार देर शाम टिहरी जिलाधिकारी आवास पहुंचने पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

उसके बाद उन्होंने कोरोना से सम्बंधित अधिकारियों की बैठक ली। तथा आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

टिहरी आगमन पर तेज तर्रार लोकप्रिय जिलाधिकारी श्री मंगेश घिल्डियाल जी का जिलाधिकारी आवास के बाहर “गार्ड ऑफ ऑनर” देती गारद। 6 बजे कलेक्ट्रेट में अधिकारियों की बैठक और 7 बजे वीसी में होंगे शामिल।#mangesh_ghildiyal #dm_tehri #tehri_latest_News pic.twitter.com/RdmhJLOVaJ

— Garh Ninad (@GarhNinad) May 24, 2020

आइये उनके बारे में कुछ जानते हैं–

आपका संक्षिप्त परिचय 

श्री मंगेश घिल्डियाल का जन्म पौड़ी जिले के डांडयू गांव में हुआ। उनके पिता प्राइमरी स्कूल में हेडमास्टर थे और माता गृहणी हैं। मंगेश की प्राथमिक शिक्षा डांडयू गांव मे ही हुई। आगे की शिक्षा गांव से पांच किमी दूर रा.उ.प्रा.विद्यालय पटोटिया से की, उसके बाद रामगनर से ग्रैजुएशन तक की पढ़ाई की।

पत्नी उषा ने छोड़ी वैज्ञानिक की नौकरी

“मंगेश घिल्डियाल जी की पत्नी ऊषा गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर में सीनियर वैज्ञानिक थी। अब वह नौकरी छोड़कर रुद्रप्रयाग जिले में शिक्षा की बेहतरी के लिए कार्य कर रही हैं। उनकी एक बेटी है।”

पहली पोस्टिंग IIRD देहरादून में साइंटिस्ट

मंगेश ने एमएमसी के बाद गेट का एग्जाम दिया और उनका सेलेक्शन हो गया। उन्होंने पढाई के साथ साथ इंदौर से एमटेक भी किया। एमटेक करते ही 2006 मे लेजर टेक्नीक‘ पर रिसर्च के लिए उन्हें साइंटिस्ट के रूप में नौकरी मिल गयी।

साइंटिस्ट के पद पर सेलेक्शन हो जाने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग देरादून में आईआईआरडी लैबोरेट्री में हुई। तब उन्हें लगा कि मुझे सिविल सर्विसेस मे जाना चाहिए। तैयारी शुरू की और पहली बार में 131वीं रैंक के साथ आईपीएस में सेलेक्शन हो गया। 

बतौर IAS पहली पोस्टिंग CDO चमोली

2011 में भारतीय विदेश सेवा यानी इंडियन फॉरेन सर्विसेज़ में जाने का मौका मिला लेकिन उन्होंने उत्तराखंड को चुना और आईएएस की नौकरी करने का फैसला लिया। उनकी पहली पोस्टिंग चमोली में मुख्य विकास अधिकारी के रूप में हुई। 

आज रविवार देर शांय जिला कार्यालय सभागार टिहरी में नवागन्तुक जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल कोरोना प्रभारी अधिकारियों की बैठक लेते हुए।#mangesh_ghildiyal #dm_tehri #tehri_latest_News pic.twitter.com/4jIJGtsVYB

— Garh Ninad (@GarhNinad) May 24, 2020

फिर जिलाधिकारी बागेश्वर

चमोली से उन्हें जिलाधिकारी बागेश्वर भेजा गया। वहां भी अपनी छाप छोड़ी। जब वहां से उनका ट्रांसफर रुद्रप्रयाग हो रहा था, तो वहां के लोगो ने सड़कों पर आ कर विरोध किया। वहां के लोग रोने तक लग गए थे कि आप यहाँ से मत जाओ।

निवर्तमान जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग

उसके बाद उन्हें जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग बनाया गया। वहां भी अपनी कार्यशैली से सबको चकित किया। केदारनाथ आपदा के समय सादा कुर्ता पाजामा पहनकर पीठ में पिट्ठू लगाए दो दिन बिताने के बाद सारी खामियां देखी फिर अधिकारियों को व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए।

आइये देखते हैं रुद्रप्रयाग कार्यकाल की कुछ झलकियां-

भ्रष्टाचार के सख्त खिलाफ हैं मंगेश

रुद्रप्रयाग में जिलाधिकारी रहते उनका कहना था कि “जिन अधिकारियों का खर्चा सरकार द्वारा दी गई सेलरी में नहीं चल रहा है, तो वह हमको बता दें हम उसकी एप्लीकेशन को शासन को प्रेषित करेंगे और कहेंगे कि इनको रिटारयमेंट दिया जाय।” 

जब खुद शिक्षक बन गए पति-पत्नी

एक बार डीएम साहब रुद्रप्रयाग के एक स्कूल में टीचर न होने की स्थिति में खुद और उनकी पत्नी बच्चों को पढ़ाने चले गये। किस्सों की फेहरिश्त लंबी है।

तबादले से रुद्रप्रयाग की जनता में निराशा

रुद्रप्रयाग जिले से अपने लोकप्रिय जिलाधिकारी का तबादला टिहरी होने की खबर पूरे रुद्रप्रयाग में आग की तरह फैली और तमाम राजनीतिक, सामाजिक,स्वयंसेवी संगठनों ने एक स्वर से उनके स्थानान्तरण रुकवाने की कोशिशें भी की। लेकिन बेकार। आखिरकार शनिवार को उनकी विदाई हो गयी।

लोगों को भायी गढ़वाली में अपील

रुद्रप्रयाग जिला कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रहा। इसके पीछे जिलाधिकारी श्री मंगेश घिल्डियाल जी का कुशल नेतृत्व और आमजन के बीच उनकी लोकप्रियता ही काम आयी। एक जिलाधिकारी का कोरोना को लेकर गढ़वाली में जनता से अपील करना काफी चर्चा का विषय रहा।

चौपाल में बैठकर समस्याओं का समाधान

आपको बता दें कि हमेशा सुर्खियों मे रहने वाले डीएम मंगेश घिल्डियाल हमेशा गरीब बच्चो की मददत करते रहते है। जनता के लिए, जनता के बीच जाकर उनकी समस्या सुनकर तुरंत ही समस्या का समाधान करते हैं। जरूरत पड़ने पर चौपाल लगाकर जनता की शिकायतों का यथासंभव समाधान करते हैं।

अब टिहरी जिले में होगी अग्निपरीक्षा

बता दें कि तेजतर्रार,युवा कर्मठ और लोकप्रिय श्री मंगेश घिल्डियाल जी की टिहरी जिले में तैनाती ऐसे समय में हुई है जब जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। निश्चित तौर पर उनके लिए विकास के साथ- साथ कोरोना से निपटने की भी पहली प्राथमिकता होगी। जिले में जिस तरह बड़ी संख्या में प्रवासी गांव लौट रहे हैं, ऐसे में यहां मंगेश घिल्डियाल जी जैसे तेज़ तर्रार जिलाधिकारी की नियुक्ति समय की मांग भी है।

अब सवाल यह है कि टिहरी जिले के कुछ बेलगाम अधिकारियों/भ्रष्टाचारियों पर नकेल कस पाने में वह कितना सफल हो पाते हैं,इसका जबाब भविष्य के गर्त में छिपा है।

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Govind Pundir

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