उत्तराखंड आंदोलन……20

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विक्रम बिष्ट

गढ़ निनाद समाचार। 

नई टिहरी,17 मार्च 2021।

लखेडा जी और उत्तराखंड भ्रांति दल!

जिला परिषद टिहरी गढ़वाल के पूर्व अध्यक्ष भूदेव लखेड़ा राजनीतिक विकास और लोक मान्यताओं के गंभीर जानकार थे। उनसे सीखने समझने को बहुत कुछ मिला। गंभीर चर्चाओं के बीच हल्की फुल्की चुटकियां भी लेते रहते थे।

कई बार कहते आजकल उत्तराखंड भ्रांतिदल का क्या हो रहा है। स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय लखेड़ा उत्तराखंड राज्य के विरोधी नहीं थे। वन संरक्षण अधिनियम के खिलाफ उक्रांद के सतत संघर्ष को बल देने के लिए उन्होंने गढ़वाल मंडल के जिला परिषद अध्यक्षो और ब्लॉक प्रमुखों को संगठित करने के प्रयास किए थे। मुझे संयोजक नामित किया गया था। 

दिसंबर 1994 में उत्तराखंड संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा जेल भरो आंदोलन चलाया जा रहा था। पर्वतीय शिक्षक कर्मचारी संगठन का आंदोलन जारी था। संगठन के नेता ऋषि राम सुयाल ने साफ किया था हम समिति के आह्वान पर आंदोलन में आए हैं। टिहरी मुख्य बाजार में संगठन का रोज जुलूस निकलता रहता था। हमको उनके साथ रहना होता था। छात्र विनय सेमवाल और योगेश पाल नियमित रूप से बैनर लेकर जुलूस के आगे चलते थे। कभी-कभी जय विजेंद्र और दूसरे छात्र भी शामिल हो जाते थे।

यूं तो गिरफ्तारियां स्वैच्छिक होती थी। लेकिन हमारी जिम्मेदारी थी कि कोई दिन खाली न रहे। पहले दिन भिलंगना से बस भरकर लोग गिरफ्तारियां देने आए थे। 

एक दिन लखेड़ा जी ने कहा हमें भी गिरफ्तारी देनी है। मैंने मुस्कुरा कर कहा अब लगता है सबको भ्रांति हो गई है। उन्होंने ठहाका लगाया। लखेड़ा जी पूर्व सिंह नेगी जी सहित जिले के कई दिग्गज नेताओं की सूची बनाकर मैं एसडीएम को सौंपकर लोक निर्माण विश्राम गृह लौटा।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामचंद्र बिष्ट ने लखेड़ा जी से कहा कि आप गिरफ्तारी दे रहे हैं। एसडीम को यहां आना चाहिए। उन्होंने कहा गिरफ्तारी हम दे रहे हैं, एसडीएम को यहां क्यों आना चाहिए और उठ कर कचहरी चल दिए। जारी…


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Govind Pundir

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