प्रथम “देवभूमि साइबर हैकाथॉन” में विभिन्न राज्यों के प्रतिभागियों ने किया प्रतिभाग

प्रथम “देवभूमि साइबर हैकाथॉन” में विभिन्न राज्यों के प्रतिभागियों ने किया प्रतिभाग
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देहरादून। उत्तराखंड पुलिस द्वारा आयोजित प्रथम Devbhoomi Cyber Hackathon का उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय में समापन किया गया। जिसमें देशभर के विभिन्न राज्यों से प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। जिसमें टॉप 03 टीमों को विजेता व अन्य 02 टीमों को Consolation Prize के लिये चुना गया। विजेता प्रतिभागियों को नगद पुरस्कार से  पुरस्कृत किया गया । 

विजेता प्रतिभागियों को नगद पुरस्कार से  पुरस्कृत किया गया । 

बताते चलें कि वर्तमान में साइबर अपराधों में काफी तेजी से वृद्धि हो रही है। जिसमे विभिन्न प्रकार के साइबर अपराध देशों के कोने कोने से सामने आ रहे है । साइबर अपराध बढ़ने का एक महत्वपूर्ण कारण दिन प्रतिदिन विभिन्न प्रकार की तकनीकों की उन्नति भी है। इस कारण यह भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि पुलिस भी अपने संसाधनों में अधिक से अधिक तकनीकी सुधार करने का प्रयत्न कर रही है । जिसका उद्देश्य 21वीं सदी में साइबर अपराध की चुनौती पर एकजुट होकर इससे मुकाबला करने के लिये अपना कौशल विकास (Skill Development) को और बेहतर बनाना है।

Devbhoomi Cyber Hackathon के माध्यम से देश के युवा छात्रों से विभिन्न प्रकार की तकनीकी software बनाना जो पुलिस को जांच एवं विवेचनाओं मे सहायता प्रदान कर सकती है। उनके द्वारा दिये गये Software के माध्यम से विभिन्न अभियोगों को अतिशीघ्र अनावरण करने हेतु एक अहम प्रयास होगा । 

बढते साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने व प्रभावी कार्यवाही हेतु पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड के निर्देशन में 10 नवंबर 2021 को श्री सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस (IPS), पुलिस उपमहानिरीक्षक, एस0टी0एफ0,उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय की मौजूदगी मे यूपीएस कॉलेज के सभागार मे Devbhoomi Cyber Hackathon के मुख्य चरण का शुभारंभ किया गया । जिसमें उत्तराखण्ड राज्य के अलावा तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र ,गुजरात, पंजाब व केन्द्र शासित प्रदेश दिल्ली के विभिन्न शिक्षण संस्थानों के छात्रों एवं IT professional की 326 टीमो द्वारा प्रतिभाग किया गया था । 

प्रतियोगिता के प्रथम चरण में प्रतिभागियों को वर्तमान में साइबर क्राइम के क्षेत्र में चल रही जटिल समस्याओं (मोबाईल/कम्प्यूटर व नेटवर्किंग सुरक्षा सम्बन्धित) को हल करने का टास्क दिया गया। जिसे सभी प्रतिभागियों द्वारा उक्त समस्याओं के निवारण हेतु जो टेक्नोलॉजी प्रस्तुत की गयी वह सराहनीय थी। 

प्रतियोगिता के  प्रथम चरण में प्रतिभागियों द्वारा साइबर क्राइम के अपराधो के रोकथाम हेतु 50 महत्वपूर्ण सुझाव दिये गये । प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तुत की गयी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर भविष्य में किसी भी प्रकार के साइबर अपराध को रोकने में सहायता प्राप्त हो सकेगी  । 

भारत के प्रथम गृह मंत्री स्व0 श्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की स्मृति दिवस पर Devbhoomi Cyber Hackathon के प्रथम चरण का परिणाम घोषित किया गया । प्रथम चरण के परिणाम घोषित होने पर कुल 15 टीमें अगले चरण में पहुंची । जिनके द्वारा 10 नवंबर सांय 04 बजे से 12 नवंबर प्रातः 04 बजे (36 घंटे) तक IBM बैंगलोर की एक्सपर्ट टीम के साथ पुलिस की समस्याओं के लिए टूल्स की प्रोग्रामिंग की गयी । 

सफल टीमों द्वारा टूल्स की प्रोग्रामिंग से साइबर अपराधों की रोकथाम में पुलिस को जांच एवं विवेचनाओं मे काफी लाभ प्राप्त होगा । उनके द्वारा दिये गये Software के माध्यम से विभिन्न अभियोगों को अतिशीघ्र अनावरण करने हेतु एक अहम प्रयास होगा ।                

36 घंटे तक चले इस Hackathon में पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड के निर्देशन में निर्णायक समिति श्री अमित सिन्हा, IPS, पुलिस महानिरीक्षक उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय की अध्यक्षता में गठित गठित की गई ।

निर्णायक समिति में शामिल श्रीमती रिधिम अग्रवाल IPS, पुलिस उपमहानिरीक्षक, श्रीमती निवेदिता कुकरेती, IPS, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिसूचना, श्री उमेश जोशी, पुलिस अधीक्षक संचार तथा श्रीमती अनुशा बड़ोला, पुलिस उपाधीक्षक ने अंतिम चरण के परिणाम घोषित किये किये। जिसमें टॉप 03 टीम को विजेता व अन्य 02 टीमों को Consolation Prize के लिये चुना गया जो निम्नवत है ।

शीर्ष तीन टीम-

1- सौम्या श्रीवास्तव और कार्तिक सेतिया (विजेता)

2- संयम जैन और मनजोत सिंह (फर्स्ट रनर अप)

3- मीत बिष्ट (सेकंड रनर अप)

सांत्वना पुरस्कार टीम-

1- शिवांकर कुमार सिंह

2-अभिनव सिंह, सचिन सिंह, अक्षय श्रीवास्तव और आर्य केशरवानी ।

विजेता प्रतिभागियों को नगद पुरस्कार से  पुरस्कृत किया गया । 

उक्त Hackathon के सफल आयोजन में UPES कालेज देहरादून द्वारा भी महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया गया । प्रतिभागियों द्वारा साइबर क्राइम के क्षेत्र में उपलब्ध कराये गये महत्वपूर्ण सुझावों से भविष्य में किसी भी प्रकार के साइबर अपराध को रोकने व उसके अनावरण में सहायता प्राप्त की जा सकेगी । प्रतिभागियों द्वारा उपलब्ध कराये गये सुझावों को सभी जनपद पुलिस को उपलब्ध कराया जाएगा , ताकि उत्तराखंड पुलिस स्मार्ट पुलिसिंग की ओर एक कदम और बढ़ाते हुए साइबर क्राइम के अपराधों को रोकने में मील का पत्थर साबित हो सके।


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Govind Pundir

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