अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट मामले  में कोर्ट ने 38 दोषियों को सुनाई फांसी की सजा, 11 को उम्रकैद

अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट मामले  में कोर्ट ने 38 दोषियों को सुनाई फांसी की सजा, 11 को उम्रकैद
Please click to share News

अहमदाबाद, गुजरात। स्पेशल कोर्ट ने शुक्रवार को अहमदाबाद में 26 जुलाई, 2008 को हुए सिलसिलेवार विस्फोटों के लिए 38 लोगों को दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई है। अहमदाबाद सीरियल बम ब्लास्ट केस में विशेष अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने 49 दोषियों में से 38 को फांसी की सजा सुनाई है। इसके अलावा अदालत ने 11 अन्य दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। हालांकि कोर्ट ने इन लोगों को पहले ही दोषी करार दे दिया था और आज इन लोगों की सजा का ऐलान होना था। 14 सालों तक चले मामले के बाद यह सजा सुनाई गई है।

सरकारी अधिवक्ता अमित पटेल ने बताया कि स्पेशल जज ए आर पटेल ने 49 में से 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई है। इसके अलावा 11 शेष दोषियों को उम्रकैद की सजा दी गई है। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने ली थी। आतंकियों का कहना था कि हमने 2002 में हुए गुजरात दंगों का बदला लेने के लिए इस घटना को अंजाम दिया था। इस मामले में कुल 77 लोग आरोपी थे, जिनमें से 28 को अदालत ने बरी कर दिया था और बाकी 49 लोगों को दोषी करार दिया था। इसके अलावा 29 भी सबूतों के अभाव में बरी हो चुके हैं। दोषी अहमदाबाद, भोपाल, गया, बेंगलुरु और देश के अन्य हिस्सों की जेलों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यवाही में शामिल हुए थे।

देखिए कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान क्या कहा-"इन धमाकों में मारे गए लोगों के परिजनों को एक लाख रुपए, गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार और मामूली घायलों को 25 हजार रुपए की सहायता दी जाएगी।"

अदालत ने 8 फरवरी, 2022 को उन्हें शहर में 26 जुलाई, 2008 को हुए सिलसिलेवार विस्फोटों के लिए दोषी ठहराया था, जिसमें 56 लोगों की जान गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हुए थे। ब्लास्ट के बाद सूरत पुलिस ने 28 जुलाई और 31 जुलाई 2008 के बीच शहर के अलग-अलग इलाकों से 29 बम बरामद किए थे, जिनमें से 17 वराछा इलाके के और अन्य कतारगाम, महिधरपुरा और उमरा इलाके के थे। जांच में पता चला कि गलत सर्किट और डेटोनेटर की वजह से इन बमों में विस्फोट नहीं हो पाया था। पुलिस ने कहा था कि आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के सदस्य विस्फोटों में शामिल थे।


Please click to share News

Garhninad Desk

Related News Stories