यूपी में राशन कार्ड धारकों की पात्रता और अपात्रता को लेकर भ्रम फैलाने वाले अफसरों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खफा, इधर उत्तराखंड में 31 मई के बाद होगी रिकवरी

यूपी में राशन कार्ड धारकों की पात्रता और अपात्रता को लेकर भ्रम फैलाने वाले अफसरों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खफा, इधर उत्तराखंड में 31 मई के बाद होगी रिकवरी
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यूपी/उत्तराखंड। उत्तर प्रदेश में राशन कार्ड धारकों की पात्रता और अपात्रता को लेकर भ्रम फैलाने वाले अफसरों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खफा हैं। दरअसल, खाद एवं रसद विभाग के दो अधिकारियों ने राज्य के जिलाधिकारियों को एक पत्र भेजा। जिसमें अपात्र राशन कार्ड धारकों से रिकवरी की बात कही गई। जिलाधिकारियों ने इस पत्र को शासनादेश समझकर कार्यवाही शुरु कर दी। जिसकी वजह से पूरे राज्य में हड़कंप मच गया। इतना ही नहीं राशन के मुद्दे को लेकर विपक्ष भी सरकार पर हमलावर हो गया।

बता दें कि सोशल मीडिया पर पिछले करीब 10 दिनों से यह मामला सुर्खियों में चल रहा है। अब इस मामले में खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है। उन्होंने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। यह पत्र जिलों में भेजने वाले अफसरों पर कार्यवाही हो सकती है।

उत्तराखंड में भी पिछले कई दिनों से उपभोक्ताओं में खलबली एवम भ्रम की स्थिति है। पूर्ति विभाग ने तो 31 मई 2022 तक अपात्र राशनकार्ड जमा करने की कट ऑफ डेट तय कर दी है कि जो अपात्र 31 मई तक राशन कार्ड जमा नही करेंगे उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए अबतक फ्री दिए गए राशन की वसूली की जाएगी।

इस तुगलकी फरमान के बाद चर्चाओं का बाजार गरम है। कोई कहता है कि सरकार ने अपने चुनावी फायदे के लिए पहले तो फ्री राशन वितरण की और अब जब पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया तो सीधे साधे उपभोक्ताओं को डराने एवम भ्रमित करने का काम कर रही है। अगर ऐसा हुआ तो आगामी लोकसभा चुनावों पर इसका असर पड़ सकता है। इधर विपक्षी दलों ने मुद्दे को हथिया लिया है। देखना है कि 31 मई के बाद सरकार कितने राशनकार्ड जमा करवाने में सफल होती है और कितनों पर वसूली की कार्रवाई करती है।

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Garhninad Desk

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