टिहरी बांध विस्थापितों की न्यायोचित मांगों को पूर्ण समर्थन-शान्ति प्रसाद भट्ट एडवोकेट, मा. उच्च और सर्वोच्च न्यायालय में बांध विस्थापितों के याचिकाकर्ता

टिहरी बांध विस्थापितों की न्यायोचित मांगों को पूर्ण समर्थन-शान्ति प्रसाद भट्ट एडवोकेट, मा. उच्च और सर्वोच्च न्यायालय में बांध विस्थापितों के याचिकाकर्ता
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टिहरी गढ़वाल। ग्राम तिवाड़गांव, उठड़, पिपोला (खास) में टिहरी बांध विस्थापन को लेकर उद्वेलित ग्रामीणों की मांग जायज है। यह ग्राम टिहरी बांध की झील के सन्निकट है, या यूं कहे कि झील गांव को लील रही है, ग्रामीणों के अवशेष खेत खलिहान, मकान जमीदोज हो रहे है, घरों में बड़ी बड़ी दरारे मानो किसी बड़ी अनहोनी का संकेत दे रही है, किंतु #विशेषज्ञ #समिति, #पुनर्वास विभाग, #शासन और #सरकार और उसके जिमेदार #जनप्रतिनिधि मानो चिरनिंद्रा में हो! हां अगर कोई अनहोनी हो गई तब सभी आयेंगे।
टिहरी बांध ने देश और प्रदेश को प्रगति के उच्च शिखर पर पहुंचाया है,किंतु हुक्मरानों के सामने आज यक्ष प्रश्न है ?

1: जिन जिन ग्रामों ने अपने खेत खलिहान टिहरी बांध निर्माण के लिए यह सोच कर राष्ट्र हित में समर्पित कर दिए थे, कि देश प्रगति करेगा तो हम प्रगति करेगें। क्या उन्हे समुचित पुनर्वास भूमी के बदले भूमी , और संपत्ति का उचित प्रतिकर नहीं मिलना चाहिए?

2: क्या इन ग्रामीणों का यह हक/अधिकार नही है, कि वे दिल्ली को जो पीने का पानी और राष्ट्र को बिजली दे रहें है, उनको पूर्णरूप से विस्थापित कर कृषि और आवासीय भूखंड आवंटित किए जाएं, उनके एक सदस्य को सरकारी पक्की नौकरी दी जाय?

3: आपको याद होगा कि टिहरी बांध पुनर्वास नीति में यह प्राविधान था, कि प्रत्येक विस्तापित परिवार के एक सदस्य को सरकारी पक्की नौकरी दी जायेगी, किंतु वर्ष 1998में तत्कालीन भाजपा सरकार ने वह अध्यादेश वापस ले लिया था, किंतु दुर्भाग्य से आज देश प्रदेश में वही भाजपा सरकार है, और जो लोग भाजपा के इस कृत्य की आजीवन निंदा करते रहें वही आज इस डबल इंजन सरकार में बेशर्मी से शामिल हो गए, मुझे नही पता उन्होंने कितना बड़ा सौदा किया होगा, या वो कितने में खरीदे गए होंगे/बिके होंगे? किंतु यह अध्यादेश बहाल होना चाहिए, और हर पूर्ण और आशिक डूब के परिवार के एक सदस्य को सरकारी पक्की नौकरी मिलनी चाहिए।

4: क्या आशिक डूब के वे ग्राम जो 75%की श्रेणी में है उन्हे अन्य पूर्ण विस्थापितो की भांति पुनर्वासित नही किया जाना चाहिए?

5: वे ग्राम या परिवार जिनके भवन जलभराव के कारण आज जमीदोज होने की कगार पर है, और उनकी अधिकाश भूमी टिहरी बांध में डूब चुकी है, शेष कृषि भूमी न्यून है, क्या उन्हे विस्थापन का लाभ नहीं मिलना चाहिए?

6: क्या पूर्व में माननीय सुप्रीम कोर्ट के लैंड मार्क आदेशों का पालन नहीं होना चाहिए?
जागो सरकार जागो,
कहीं यह न हो कि हमे पुनः माननीय न्यायालय में एक और लड़ाई लड़ने को मजबूर होना पड़े । मै हर उस सदस्य और संघर्ष के साथ हूं जो बांध विस्थापितों की न्यायोचित मांग के लिए संघर्षरत है , चुकीं मैने और मेरे साथियों ने एक लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी है।


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Govind Pundir

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