शेष बांध प्रभावितों को शीघ्र विस्थापित नहीं किया तो होगा आंदोलन-सोहन सिंह राणा

शेष बांध प्रभावितों को शीघ्र विस्थापित नहीं किया तो होगा आंदोलन-सोहन सिंह राणा
Please click to share News

  • सीएसआर मद से बाहरी राज्यों में हो रही पैसे की बंदरबांट, टिहरी में रहे CSR कार्यालय 
  • विस्थापितों का 252 करोड़ क्यों दबाए बैठी है टीएचडीसी- प्रदीप भट्ट प्रधान

टिहरी गढ़वाल। टिहरी बांध प्रभावित संघर्ष समिति के अध्यक्ष सोहन सिंह राणा एवं भट्कंडा के प्रधान प्रदीप भट्ट ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर टीएचडीसी पर बांध प्रभावितों/विस्थापितों के साथ मनमानी करने और सीएसआर मद का पैसा बाहरी प्रदेशों में खर्च करने का गम्भीर आरोप लगाया है। नेता द्वय ने कहा कि अगस्त 2021 में 252 करोड़ रुपये आने के बाबजूद टीएचडीसी इसे दबाए बैठी है जिसे तत्काल पुनर्वास विभाग को दिया जाना चाहिए। कहा यदि बांध प्रभावितों के साथ टीएचडीसी का यही रवैया रहा तो जल्द वी पुरम कार्यालय पर धरना देंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी टीएचडीसी की होगी।

बांध प्रभावित संघर्ष समिति की पत्रकार वार्ता

यहां एक स्थानीय होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में श्री सोहन सिंह राणा एवं प्रधान प्रदीप भट्ट ने कहा कि अगस्त 2021 में 252 करोड रुपया ग्रामीणों के पुनर्वास के लिए टीएचडीसी के पास आने के बावजूद अभी तक पैसा पुनर्वास विभाग को नहीं दिया गया है। इसके उलट टीएचडीसी ने 28 करोड़ रुपया एक ही गांव के 24 परिवारों में बांट दिया जबकि कई अन्य गांव का विस्थापन होना बाकी है। टीएचडीसी लगातार ग्रामीणों की भावनाओं को ठेस पहुंचा रही है जो कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी ।

यही नहीं राणा ने आरोप लगाया कि टीएसडीसी ने सीएसआर का पैसा अन्य राज्यों में खर्च करने के मकसद से यहां से अपना कार्यालय ही ऋषिकेश शिफ्ट कर दिया जबकि पुनर्वास नीति के तहत सीएसआर का पैसा बांध विस्थापित प्रभावित परिवारों के हित में खर्च किया जाना चाहिए था , इसलिए कार्यालय जल्दी भागीरथी पुरम शिफ्ट किया जाए ताकि इसका लाभ बांध प्रभावितों को मिल सके। राणा ने चेताया कि अगर शेष परिवारों का विस्थापन शीघ्र नहीं किया गया तो इसके लिए संघर्ष समिति आंदोलन करेगी।

राणा एवं भट्ट ने भूगर्भीय समिति एवं पुनर्वास विभाग की 2022 के सर्वे की रिपोर्ट को तत्काल सार्वजनिक करने की मांग की है साथ ही  बांध प्रभावित समस्त समस्याओं के समाधान के लिए गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक तत्काल कराने की मांग की है। साथ ही पुनर्वास नीति के तहत ग्रामीण दुकानदारों को भी विस्थापित कर मुआवजा देने , प्रभावित परिवारों को प्रभावित भूमि का 2010 से फ़सलाना देने तथा जिस गांव के 75% परिवार टिहरी बांध से प्रभावित हो गए हैं उस गांव के शेष 25% परिवारों का तत्काल विस्थापन करने के साथ ही कोटेश्वर बांध प्रभावित ग्राम पयाल गांव का 2016-17 के सर्वे के आधार पर शीघ्र विस्थापन करने की मांग की है।

भटकण्डा के प्रधान प्रदीप भट्ट ने कहा कि संपार्श्विक क्षति नीति से प्रभावित ग्रामों-खांड (धार मंडल), उठड़, भटकन्डा (लुणेटा) पिपोला खास, गडोली शिला उप्पु आदि गांव की पात्रता बनाकर शीघ्र प्रतिकर भुगतान किया जाए साथ ही ग्राम भल्डगॉव, संराश गाँव, नन्दगाँव, बड़कोट आदि गांव के पूर्व में विस्थापित परिवारों कि शेष परिसम्पतियों का शीघ्र भुगतान किया जाये। उन्होंने आश्चर्य जताया कि आज तक खुद उनकी ग्राम पंचायत भटकण्डा की पात्रता का निर्धारण नहीं किया गया है।

नेता द्वय ने कहा कि अगर टीएचडीसी ने बांध प्रभावित/ विस्थापित के साथ अपना सौतेला व्यवहार नहीं बदला तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।

पत्रकार वार्ता में सोहन सिंह राणा व प्रदीप भट्ट के अलावा प्रताप सिंह राणा , प्रेम सिंह राणा भी मौजूद रहे।


Please click to share News

Govind Pundir

Related News Stories