घनसाली में कवि सम्मेलन ने बांधा समा
घनसाली से लोकेंद्र जोशी। इंद्रमणी बडोनी कला एवं साहित्यिक मंच घनसाली के द्वारा होटल वासुलोक में कवि समेलन का आयोजन किया गया। जिसमे बड़े मंचों के कवि,अलीगढ़ से आए सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य आदरणीय ओम वार्ष्णेय जी एवं मथुरा से आए सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य आदरणीय सत्यपाल शर्मा जी शामिल हुए।
कवि सम्मेलन में दोनों वरिष्ठ साहित्यकारों के सम्मान में “इंद्रमणि बडोनी कला एवं साहित्यिक मंच घनसाली” एवं “हिंदी साहित्य भारती टिहरी गढ़वाल”द्वारा भब्य स्वागत समारोह एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। आपको बताते चले दोनो अतिथि पूर्व में घनसाली क्षेत्र में सम्मानित शिक्षक के रूप मे रहे।
कवि सम्मेलन में विभिन्न कवियों ने अपनी अपनी रचनाओं का काब्य पाठ कर, सूक्ष्म समारोह में चार चाँद लगा दिया। कवि सम्मेलन तब और अधिक रोचक हो गया जब अलीगढ़ निवासी, कवि सेवानिवृत् प्रधानाचार्य ओम वार्ष्णेय जी ने “फ्योलड़िया त्वेय देखिक औंदी या मन मा, तेरु मेरु साथ थाई पैला जन्म मा ” की प्रस्तुति देकर समा बांध दिया। उनकी रेल गांव मे पहुँचने की कल्पना रूपी दोहों ने श्रोताओं को आनंदित किया।
मथुरा से आए साहित्यकार सेवानिवृत प्रधानाचार्य सत्यपाल शर्मा जी ने अपने सेवाकाल में घनसाली और लंबगाव के दिनों की याद ताजा करते हुए अपने साथियों के साथ स्कूल कालेज और क्षेत्र में विताए दिनों को याद किया और बहुत उच्च कोटि की रचनाएँ भी सुनाइं।
काब्य गोष्ठी का आयोजन, जाने माने मंच के संस्थापक संयोजक एवं अध्यक्ष वरिष्ठ कवि एवं अध्यापक श्री बेलीराम कनस्वाल के द्वारा करवाया गया। जिसमें की अतिथियों का फूल मालाओं से स्वागत किया गया।
गोष्ठी में इंद्रमणि बडोनी कला एवं साहित्यिक मंच के संरक्षक एडवोकेट लोकेंद्र जोशी , उपाध्यक्ष आरबी सिंह एवं मनोज रमोला जी,महामंत्री विनोद शाह , मीडिया प्रभारी जल कुमार सैनी शिक्षक संघ के अध्यक्ष लोकेंद्र रावत , आदरणीय रामचंद्र शाह , राजेंद्र सजवाण ,दीपक रतूड़ी , रविन्द्र डंगवाल , साहब सिंह बर्त्वाल आदि सुधी जनों ने शिरकत की।
काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता उद्योग एवं व्यापार मंडल घनसाली के अध्यक्ष आदरणीय डाॅ नरेंद्र डंगवाल जी ने एवं संचालन मनोज रमोला जी ने किया।।