महंगा राशन पानी, सस्ती शराब

महंगा राशन पानी, सस्ती शराब
Please click to share News

टिहरी गढ़वाल 21मार्च 2023। उतराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महांमंत्री शान्ति प्रसाद भट्ट, पूर्व ब्लॉक प्रमुख भिलंगना विजय गुनसोला, ने एक संयुक्त प्रेस बयान में सरकार की नई शराब नीति की आलोचना करते हुऐ इसे मातृ शक्ति को प्रताड़ित करने वाली नीति बताया।

देव भूमि, उत्तराखण्ड सरकार की कैबिनेट बैठक के निर्णय की समालोचना होनी चाहिए।
हम देवभूमि के नाम से विश्व प्रसिद्ध है, कुछ ही दिनो बाद हमारे आराध्य चारों धामों के कपाट खुल जाएंगे और देश विदेश के यात्रीगण लाखों की संख्या में उत्तराखंड आयेंगे। सोचिए राज्य सरकार शराब सस्ती कर क्यों वाह वाही लूटना चाहती है? क्या दिल्ली की आम आदमी सरकार की तरह यहां भी तो कोई बड़ा गोल माल तो नही है? पर चिंता की कोई बात नही यहां ED और CBI नही आयेगी?

समालोचना और उभरते सवाल इसलिए जरूरी है ? चुकीं

रसोई गैस महंगी, कमर्शियल गैस महंगी, बिजली महंगी, पानी महंगा, खाद्यान्न सामग्री महंगी, दवाइया महंगी,बेरोजगारी चरम पर, पेपर लीक से राज्य के बेरोजगार हैरान परेशान, महिलाओं पर हिंसा अंकिता भंडारी हत्याकांड, बच्चो की पठन पाठन की सामग्री महंगी,,,और शराब सस्ती ?
क्या सरकार की प्राथमिकता शिक्षा न होकर शराब है ?
धामी जी ने उस किंवदंती को चरितार्थ कर दिया “सूर्य अस्त पहाड़ मस्त”

सोचिए उत्तराखंड राज्य निर्माण आन्दोलन के दौरान मातृ शक्ति पूर जोर तरीके से शराब का विरोध करती थी, यहां तक की पहाड़ो में अनेकों जनांदोलन शराब के विरोध में हुए है, और यह महीना फुल्यारियो का महीना है, जब बेटियां को विभिन्न खाद्यान्न सामग्री उन्हे मायके से उपहार स्वरूप मिलती है, सरकार का सस्ती शराब का निर्णय महिला विरोधी है, चुकीं शराब से सबसे अधिक प्रताड़ित मातृ शक्ति ही होती है।
गौ संरक्षण के लिए एक रुपए का सैस प्रति बोतल पर लगाया, यद्यपि यह हिमांचल की नकल की गई है ,इसमें भी पूरी अक्ल नहीं लगाई! चुकीं हिमांचल की सरकार ने 10रूपए गौ संरक्षण के लिए सैस लगाया है, उत्तराखंड सरकार को भी गाय माता के संरक्षण हेतु 10रूपए का सैस लगाना चाहिए था।

नई आबकारी नीति 2023_24से पहले की निति में क्यों किया था अचानक परिवर्तन?
फ्लैसबैक:
विधान सभा चुनाव 2022 से ठीक पहले जब राज्य में आदर्श आचार सहिंता लगने वाली थी तब राज्य की धामी सरकार की कैबिनेट ने अचानक से आबकारी नीति में परिवर्तन किया था ?
क्या क्या परिवर्तन किए थे
¶उतराखण्ड की धामी सरकार ने शराब नीति में यह परिवर्तन किया था कि”ओवरसीज शराब”(यानी इम्पोर्टेड शराब) की ई.डी.पी(एक्स डिस्टलरी प्राइज) उत्तर प्रदेश और हिमाचल के बराबर होगी ।

जबकि पूर्वकी भाजपा और कांग्रेस की सरकारो की यह नीति रही है कि दिल्ली सरकार की भांति सम्पूर्ण देश मे ई डी पी सबसे कम दर पर होगी ,चूकि सरकार किसी भी शराब की एमआरपी विभिन्न टैक्स जोड़ कर तय करती है,और सम्बंधित कंपनी से उसका ई डी पी पूछा जाता है।
जब कंपनी ई डी पी कम बताएगी तभी सरकार उस पर विभिन्न टैक्स जोड़कर एमआरपी तय करती है,

¶जब भी कोई कंपनी या व्यक्ति शराब की फैक्ट्री लगाता है, तो सरकार उसे दो प्रकार के लाइसेंस प्रदान करती है पहला उसे फैक्ट्री स्थापित करने के लिए समयबद्ध लाइसेंस और दुसरा जब फैक्ट्री बनकर तैयार हो जाय, तब उसे संचालित करने के लिए, किँतु शर्त यह होती है कि यदि उक्त कंपनी या व्यक्ति ने समयान्तर्गत फैक्ट्री तैयार नही की तो उसके दुसरे लाइसेंस की फीस दो गुने से पाँच गुने तक होगी ।धामी सरकार ने यह शुल्क भी माफ कर दिया अर्थात सरकार को नुकसान पहुंचा कर किसी खास कंपनी को करोड़ों का फायदा पहुंचाया गया था।
इसलिए सरकार जवाब दे किस खास को सरकार ने मुनाफाखोरी का अवसर दिया है,और राज्य को क्यों नुकसान पहुंचाया।

¶ तीन शराब कंपनियों को आचार संहिता लगने के बाद रात में लाइसेंस जारी किए और दस लाख लीटर शराब इंपोर्ट के आदेश भी दिए थे।


Please click to share News

Govind Pundir

Related News Stories