‘राष्ट्रीय सेवा योजना है समाज सेवा का सशक्त माध्यम’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

‘राष्ट्रीय सेवा योजना है समाज सेवा का सशक्त माध्यम’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
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ऋषिकेश 2 मार्च 2023। ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश के भारत मंदिर इंटर कॉलेज में आयोजित सात दिवसीय विशेष शिविर के बौद्धिक सत्र में राष्ट्रीय सेवा योजना है समाज सेवा का सशक्त माध्यम विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें की अध्यक्षता प्रो योगेश कुमार शर्मा विभागाध्यक्ष भौतिक विज्ञान द्वारा की गई।

मुख्य अतिथि प्रो ए पी सिंह विभागाध्यक्ष समाजशास्त्र विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश विशिष्ट विशिष्टअतिथि प्रो दिनेश कुमार शर्मा, विश्वविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना समन्वयक डॉ गौरव वार्ष्णेय, डॉ धीरेंद्र सिंह यादव उपस्थित रहे कार्यशाला का उद्घाटन अतिथियों द्वारा एवं अतिथियों का स्वागत राष्ट्रीय सेवा योजना का बैच लगाकर स्वयंसेवीओ द्वारा किया गया।

मुख्य अतिथि प्रो ए पी सिंह ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा राष्‍ट्रीय सेवा योजना राष्‍ट्र की युवा शक्तिराष्ट्रीय सेवा योजना समाज सेवा का सशक्त माध्यम है। युवा शक्ति का सदुपयोग योजनाबद्ध तरीके से करके रचनात्मक कार्यों को अंजाम देना इसका उद्देश्य है। राष्ट्रीय सेवा योजना समाज सेवा का सशक्त माध्यम है।
राष्ट्र के लिए बेहतर नागरिक तैयार करना एनएसएस का प्रमुख उद्देश्य है। प्रो दिनेश कुमार शर्मा ने स्वयंसेवकों को अपना प्रेरक उदबोधन दिया। उन्होंने कहाकि जो बातें हमें किताबें नहीं सिखा सकतीं। वह हमें रासेयो शिविर सिखाते हैं। उन्होंने कहा कि रासेयो शिविर समाज से जुड़ने का सीधा माध्यम हैं। शिविर विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करने में सहायक होते है डॉ गौरव वार्ष्णेय ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना अनुशासन और समाज सेवा का पाठ पढ़ाती है। इससे जुड़कर विद्यार्थियों में सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना का विकास होता है। डॉक्टर धीरेंद्र सिंह यादव ने सरकारी योजनाओं सहित अन्य सामाजिक जागरूकता कार्यक्रमों में एनएसएस की छात्राओं की भूमिका की सराहना की। प्रो योगेश कुमार शर्मा ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि युवा तरूणाई तथा देश के विकास की दिशा एवं दशा तय करते है, इसके लिए पूरे गांव को संगठित होकर एक दूसरें का सम्मान करते हुए शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, जल संरक्षण, वर्यावरण विकास के कार्य करना चाहिए। इतना ही नही हम सबका दायित्व है कि हम अपनी सभ्यता , संस्कृति, स्थानीय भाषा बोली तथा स्थानीय उत्पादों का संरक्षण करें तथा उसका उपयोग भी करें। वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ अशोक कुमार मेंदोला ने सात दिवसीय शिविर में स्वयंसेवकों द्वारा किए गए कार्यों की आख्या अतिथियों के सामने रखी।

मंच का संचालन डॉ प्रीति खंडोली खंडूरी एवं धन्यवाद डॉ पारूल मिश्रा द्वारा दिया गया। कार्यशाला में 170 स्वयंसेवीओ ने प्रतिभाग किया I


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Garhninad Desk

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