भागवत भगवान से मिलने-मिलाने का माध्यम : नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज

भागवत भगवान से मिलने-मिलाने का माध्यम : नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज
Please click to share News

मसूरी 15 जुलाई 2023। लक्ष्मी नारायण मंदिर मसूरी में कथा के छठे दिन शनिवार को कथावाचक नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज ने बताया कि भागवत कथा भगवान से मिलने-मिलाने का माध्यम है। श्रीमद्भागवत भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य से भरा हुआ ग्रंथ है। इसके दर्शन, स्मरण तथा श्रवण मात्र से व्यक्ति का कल्याण संभव है। सारे दुःखों की जड़ है स्वार्थ और अहंकार। स्वार्थ और अहंकार छोड़ते गये तो दुःख अपने आप छूटते जाएँगे। कितने भी बड़े भारी दुःख हों, तुम त्याग और प्रसन्नता के पुजारी बनो। सारे दुःख रवाना हो जायेंगे। जगत की आसक्ति, परदोषदर्शन और भोग का पुजारी बनने से आदमी को सारे दुःख घेर लेते हैं।परमात्म-प्राप्ति की इच्छा तीव्र न होने के कारण संसार की इच्छा जोर पकड़ती है।
संसार की इच्छाएँ जीव को नचाती रहती हैं और राग पैदा करती रहती हैं। वस्तुओं में राग बढ़ता है उसे लोभ कहते हैं, व्यक्ति में राग बढ़ता है उसे मोह कहते हैं।राग ही लोभ और मोह बना देता है, राग काम बना देता है। राग ही क्रोध को जन्म देता है।आपके जीवन में सेवा का सदगुण हो। ईश्वर की सृष्टि को सँवारने के भाव से आप पुत्र-पौत्र, पति-पत्नी आदि की सेवा कर लें । “पत्नी मुझे सुख दें।” इस भाव से की तो यह स्वार्थ हो जायेगा और स्वार्थ लम्बे समय तक शांति नहीं दे सकता। पति की गति पति जानें, मैं तो सेवा करके अपना फर्ज निभा लूँ… पत्नी की गति पत्नी जाने मैं तो अपना उत्तरदायित्व निभा लूँ ,ऐसे विचार करके  सेवा कर लें।

आज कथा में राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, प्रियंका सिंहल, पलक सिंहल, वंश सिंहल, मुस्कान सिंहल, आन्या सिंहल, सुहानी सिंहल बेनिका सिंहल एवं बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित रहे।


Please click to share News

Garhninad Desk

Related News Stories