शारदीय नवरात्रि: 15 अक्टूबर से बन रहे हैं तीन अति विशिष्ट राजयोग, मंत्रों एवं यंत्रों की सिद्धि के लिए सर्वोत्तम समय-डॉ चण्डी प्रसाद घिल्डियाल

शारदीय नवरात्रि: 15 अक्टूबर से बन रहे हैं तीन अति विशिष्ट राजयोग, मंत्रों एवं यंत्रों की सिद्धि के लिए सर्वोत्तम समय-डॉ चण्डी प्रसाद घिल्डियाल
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देहरादून 10 अक्टूबर। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ 15 अक्टूबर रविवार से हो रहा है, तीन अति विशिष्ट राजयोग बनने से 30 वर्ष पश्चात मंत्रों एवं यंत्रों की सिद्धि के लिए बहुत बड़ा अद्भुत संयोग बन रहा है।

उत्तराखंड ज्योतिष रत्न एवं संस्कृत शिक्षा के सहायक निदेशक आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल बताते हैं, कि इस बार शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ रविवार को होने से देवी मां हाथी की सवारी में आ रही है, जिसे ज्योतिषीय दृष्टि से पूरे राष्ट्र के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

मुख्यमंत्री द्वारा ज्योतिष वैज्ञानिक की उपाधि से सम्मानित आचार्य चंडी प्रसाद घिल्डियाल विस्तृत व्याख्या करते हुए बताते हैं कि इस वर्ष नवरात्रि के प्रारंभ में ही सौरमंडल में ग्रहों की स्थिति के अनुसार बुध आदित्य, भद्र एवं शश जैसे महत्वपूर्ण राजयोग बनने से मंत्रों एवं यंत्रों की सिद्धि के लिए परम सौभाग्य योग की स्थिति बन गई है, जिसका लोगों को लाभ उठाना चाहिए/ उन्होंने आगे बताया कि मेष, वृष, कर्क, सिंह ,मकर एवं मीन राशि के जातकों के लिए यह नवरात्रि अत्यंत लाभदायक सिद्ध होगी।

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

ज्योतिष रत्न डॉक्टर घिल्डियाल के अनुसार सुबह 5:00 से 6:30 बजे तक ब्रह्म मुहूर्त में कोई भी कार्य किया हुआ अत्यंत सफल दायक होता है परंतु यदि इस समय कलश स्थापना ना हो पाए तो सुबह 11:48 से 12:42 तक अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना करना श्रेष्ठ फलदायक रहेगा

किस दिन किस देवी की होगी पूजा

15 अक्टूबर 2023 प्रतिपदा तिथि शैलपुत्री का पूजन

16 अक्टूबर 2023 सोमवार द्वितीया तिथि में ब्रह्मचारिणी का पूजन

17 अक्टूबर 2023 मंगलवार तृतीय में चंद्रघंटा का पूजन

18 अक्टूबर 2023 बुधवार चतुर्थी तिथि में कुष्मांडा का पूजन

19 अक्टूबर 2023 बृहस्पतिवार पंचमी तिथि में स्कंदमाता का पूजन

20 अक्टूबर 2023 शुक्रवार में कात्यायनी का पूजन

21 अक्टूबर 2023 शनिवार सप्तमी को कालरात्रि पूजन

22 अक्टूबर 2023 रविवार को दुर्गा अष्टमी पूजन

23 अक्टूबर 2023 सोमवार को नवमी पूजन

24 अक्टूबर 2023 मंगलवार को दशमी तिथि दशहरा के साथ देवी अनुष्ठान का विधिवत विसर्जन।

मंत्र की ध्वनि को यंत्रों में परिवर्तित करने का विज्ञान विकसित करने की वजह से मुख्यमंत्री द्वारा ज्योतिष वैज्ञानिक की उपाधि से सम्मानित डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल स्पष्ट रूप से बताते हैं, ,कि जिनकी भी कुंडली में नवग्रह की स्थिति कहीं ना कहीं गड़बड़ चल रही है, उनके लिए मंत्र की ध्वनि को यंत्र में परिवर्तित कर वैज्ञानिक पद्धति से यंत्र के निर्माण से जीवन की समस्त समस्याओं का हल निकाला जा सकता है।

परिचय- आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल

वर्तमान में सहायक निदेशक शिक्षा विभाग उत्तराखंड शासन में सेवारत हैं। निवास स्थान-56/1धर्मपुर देहरादून, मोबाइल नंबर-9411153845 है।

उपलब्धियां:- 

  • वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा की सबसे पहले भविष्यवाणी की थी।
  • वर्ष 2015 में शिक्षा विभाग में प्रथम गवर्नर अवार्ड।
  • वर्ष 2016 में उत्तराखंड ज्योतिष रत्न सम्मान।
  • वर्ष 2017 में ज्योतिष विभूषण सम्मान। 
  • वर्ष 2019 में ज्योतिष वैज्ञानिक सम्मान।
  • वर्ष 2020 में प्रथम वर्चुअल टीचर्स राष्ट्रीय अवार्ड।
  • दिसम्बर 2022 में दोबारा उत्तराखंड ज्योतिष रत्न सम्मान।

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Govind Pundir

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