किसी भी क्षेत्र की एकता और अखंडता की रीड होते हैं सांस्कृतिक कार्यक्रम: डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल

किसी भी क्षेत्र की एकता और अखंडता की रीड होते हैं सांस्कृतिक कार्यक्रम: डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल
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श्रीनगर गढ़वाल 1 फरवरी। किसी भी क्षेत्र की एकता और अखंडता के लिए उस क्षेत्र में समय-समय पर आयोजित होने वाले विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम रीड की हड्डी की भूमिका निभाते हैं।

उपरोक्त विचार शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा के सहायक निदेशक डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने व्यक्त किए। वह विकासखंड खिरसू की ग्राम सभा कफोली के ग्राम गोस्तू में गुप्तेश्वर महादेव साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था द्वारा आयोजित पांच दिवसीय मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के बीच आयोजित सांस्कृतिक संध्या का “मुख्य अतिथि” के रूप में उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के युवाओं को एक दूसरे से मिलने का शुभ अवसर ऐसे कार्यक्रमों में मिलता है, जिससे उनके अंदर आपसी भाईचारे की और सहयोग की भावना विकसित होती है और उससे क्षेत्र का विकास होता है।

इस अवसर पर उन्होंने क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में एवं क्षेत्र की कीर्तन मंडलियों के प्रदर्शन में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली टीमों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।

कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने पर सहायक निदेशक डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल का गुप्तेश्वर महादेव साहित्यिक संस्था के संयोजक खुशाल सिंह बुटोला के नेतृत्व में सैकड़ो पुरुषों, महिलाओं एवं छात्र-छात्राओं द्वारा पारंपरिक वाद्य यंत्रों, फूल मालाओं , स्मृति चिन्ह एवं अंग वस्त्र देकर भव्य स्वागत किया गया। क्षेत्रीय जनता ने उनसे यहां पर विद्यालयों की दशा को सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठाने की गुजारिश की।

कार्यक्रम का संचालन जिला पंचायत सदस्य कैलाश चंद्र एवं शिक्षक संघ के महामंत्री भरत सिंह बुटोला ने संयुक्त रूप से किया ने किया।

इस अवसर पर विजय सिंह नेगी, मीणा गैरोला, सुधीर घिल्डियाल, धूम सिंह बुटोला गोवर्धन उनियाल रविंद्र मियां ,रेखा चमोली ,पिंकी बुटोला रघुवीर सिंह , पंडित रतीश काला, दिनेश पंत इंजीनियर राकेश नौटियाल सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रीय जनता उपस्थित रही।


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Garhninad Desk

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