उद्यमिता विकास कार्यक्रम के 11वें दिन, छात्रों ने की “पाथल- द हिमालयन वे ऑफ लाइफ” होमस्टे का किया दौरा

उद्यमिता विकास कार्यक्रम के 11वें दिन, छात्रों ने की “पाथल- द हिमालयन वे ऑफ लाइफ” होमस्टे का किया दौरा
Please click to share News

ऋषिकेश 10 अप्रैल। उद्यमिता विशेषज्ञ श्री सिद्धार्थ रावत ने छात्रों से पाथल में अपने अनुभवों को प्रतिबिंबित करने और इस बात पर विचार करने का आग्रह किया कि वे पर्यावरणीय और सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने वाले स्थायी व्यवसाय मॉडल विकसित करने के लिए अपने नए ज्ञान का लाभ कैसे उठा सकते हैं। उन्होंने उद्यमिता और सतत विकास पर अपनी विशेषज्ञता साझा की। स्थायी जीवन और सांस्कृतिक विसर्जन के समृद्ध अनुभवों के अलावा, पाथल की यात्रा ने छात्रों को पर्यावरण-पर्यटन और समुदाय-आधारित पहलों के भीतर अंतर्निहित आर्थिक क्षमता की गहरी समझ प्रदान की। उन्होंने जिम्मेदार पर्यटन के लिए रास्ते तलाशे जो स्थानीय रीति-रिवाजों का सम्मान करते हैं और हिमालयी समुदायों की आजीविका में सकारात्मक योगदान देते हैं। 

भ्रमण में स्थानीय विशेषज्ञों से चर्चा  भी शामिल थीं, जिससे मानवीय गतिविधियों और प्राकृतिक पर्यावरण के बीच जटिल संतुलन की जानकारी प्राप्त हुई। उद्यमिता, पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक विकास के अंतर्संबंध पर अपने दृष्टिकोण साझा करते हुए स्थानीय विशेषज्ञ छात्रों के साथ सक्रिय रूप से जुड़े रहे। उनकी उपस्थिति ने छात्रों के बीच सार्थक चर्चा और चिंतन के लिए उत्प्रेरक का काम किया, जिन्होंने दिए गए ज्ञान और मार्गदर्शन को उत्सुकता से ग्रहण किया। प्रोत्साहन और समर्थन के उनके शब्दों ने छात्रों को भविष्य के उद्यमियों और परिवर्तन-निर्माताओं के रूप में उनकी भूमिका के बारे में गंभीरता से सोचने के लिए प्रेरित किया, जिससे उनमें एक अधिक टिकाऊ और न्यायसंगत दुनिया के निर्माण के लिए उद्देश्य और जिम्मेदारी की भावना पैदा हुई।

वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय की डीन प्रोफेसर कंचन लता सिन्हा ने उद्यमशीलता उद्यमों में स्थिरता और सामाजिक जिम्मेदारी के सिद्धांतों को शामिल करने के महत्व पर जोर दिया, और पाथल को इस बात का एक प्रमुख उदाहरण बताया कि पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक कल्याण को प्राथमिकता देते हुए व्यवसाय कैसे फल-फूल सकते हैं।

देवभूमि उद्यमिता योजना की नोडल अधिकारी, प्रोफेसर अनिता तोमर  ने सामाजिक रूप से जागरूक उद्यमियों की एक पीढ़ी को बढ़ावा देने में शिक्षा की भूमिका को रेखांकित किया, जो नवाचार और नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं के माध्यम से सकारात्मक बदलाव लाने में सक्षम है। पाथल की यात्रा उद्यमिता विकास कार्यक्रम में भाग लेने वाले छात्रों की उद्यमशीलता मानसिकता को आकार देने में एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में सामने आती है, जिससे उनमें आर्थिक समृद्धि, पर्यावरणीय स्थिरता और सांस्कृतिक संरक्षण के अंतर्संबंध के लिए गहरी सराहना पैदा होती है। उन्होंने सामाजिक जिम्मेदारी और स्थिरता को प्राथमिकता देने वाली उद्यमशीलता मानसिकता के पोषण में शिक्षा की भूमिका पर जोर दिया।

श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के वाईस-चांसलर, माननीय प्रोफेसर एन.के. जोशी ने हिमालयी क्षेत्र में वैकल्पिक जीवन शैली और उद्यमशीलता के अवसरों का पता लगाने की पहल के लिए छात्रों को बधाई दी। उन्होंने उभरते उद्यमियों के बीच रचनात्मकता और नवाचार को बढ़ावा देने में ऐसी अनुभवात्मक शिक्षण यात्राओं को महत्वपूर्ण बताया।

प्रोफेसर एम.एस. रावत ने छात्रों को उद्यमशीलता के प्रयासों की क्षमता को पहचानते हुए, पाथल की अनूठी संस्कृति और पर्यावरण जानने के लिए प्रोत्साहित किया । जैसे ही भ्रमण समाप्त हुआ, छात्रों ने इस यात्रा में उनके अमूल्य योगदान के लिए देवभूमि उद्यमिता योजना की टीम के प्रति आभार व्यक्त किया और यह स्वीकार किया  कि आने वाले दिनों में उनके उद्यमशीलता प्रयासों पर उनकी अंतर्दृष्टि का गहरा प्रभाव पड़ेगा। यात्रा में डॉ. लता पांडे का सहयोग रहा।


Please click to share News

Garhninad Desk

Related News Stories