आईसीएफआरई के अनुसंधान से सुधरेगी वनों की दशा

आईसीएफआरई के अनुसंधान से सुधरेगी वनों की दशा
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रमेश सिंह रावत, गढ़ निनाद ब्यूरो * देहरादून 

नेशनल कैम्पा से 313.67 करोड़ रूपए अनुमोदित

देहरादून: भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद् (आईसीएफआरई) के नवीन अनुसंधान से देश भर में वनो की दशा सुधारने पर दिल्ली में  बैठक आयोजित की गयी। आईसीएफआरई देशभर में स्थित नौ अनुसंधान संस्थान तथा पाँच केन्द्रों के साथ राष्ट्रीय महत्ता के वानिकी अनुसंधान मुद्दों पर कार्य करेगा, जिससे पारिस्थितकी को वहन करने और भारतीय वनों एवं रोपणियों की उत्पादकता में सुधारना हो सकेगा। 

नई दिल्ली में 15 नवम्बर 2019 को वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री प्रकाश जावडे़कर की अध्यक्षता में “राष्ट्रीय प्रतिपूरक वनीकरण निधि प्रबंधन एवं नियोजन प्राधिकरण – नेशनल कॉम्पेन्सेटरी अफ्फोरेस्टशन फण्ड मैनेजमेंट एंड प्लानिंग ऑथॉरिटी – नेशनल कैम्पा) के प्रबंध निकाय की बैठक संपन्न हुयी। डॉ0 सुरेश गैरोला, महानिदेशक, आईसीएफआरई ने बैठक में हिस्सा लिया और “पारिस्थितिकीय संवहनीयता तथा उत्पादकता संवृद्धि के लिए वानिकी अनुसंधान का सुदृढ़ीकरण” की विस्तृत योजना प्रस्तुत की। 

नेशनल कैम्पा के प्रबंध निकाय ने आईसीएफआरई की इस योजना के लिए 313.67 करोड़ रुपये पूर्णतः अनुमोदित किये।  योजना का प्रत्यक्ष सम्बन्ध देश के वन संवृद्धि तथा वन आधारित लोगों की आजीविका एवं कृषि पर होगा। इस योजना के माध्यम से  आईसीएफआरई तथा इसके संस्थान 31 मुख्य अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजनाओं पर कार्य करेंगे. योजना में महत्वपूर्ण वृक्ष प्रजातियों के क्लोन्स एवं किस्मों का विकास किया जाएगा और कृषकों एवं राज्य वन विभागों को रोपित करने के लिए प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही  वृक्ष चारा, ईंधन-काष्ठ, वन्य फलों, मृदा नमी, जैव विविधता, संरक्षण एवं व्याधियों आदि विषय व क्षेत्रों का विकास और समस्याओं का भी निवारण किया जाएगा।

योजना के अन्य कार्य:

  • वन आनुवंशिक संसाधन (फारेस्ट जेनेटिक रिसोर्स) के तहत जीन उत्पादन, भण्डारण और संरक्षण 
  • “स्टेट REDD + एक्शन प्लान” तैयार करने हेतु राज्य वन विभागों का क्षमता निर्माण
  • कृषि नीति की तर्ज पर वन अनुसंधान नीति  
  • टेक्नोलॉजीज की मदद से ‘‘भा. वा. अ. शि. प. की वानिकी विस्तार योजना‘‘ व हितधारकों तक पहुँच बढ़ाना
  • नवीन क्षेत्रों में वैज्ञानिक क्षमताओं की संवृद्धि के लिए मानव संसाधन विकास 

भा.वा.अ.शि.प. के संस्थान पहले से ही देश की 13 मुख्य नदियों की जीर्णोद्वार योजना के निर्माण पर कार्य कर रहे हैं।  15 नवम्बर 2019 को अनुमोदित नई योजना में भा.वा.अ.शि.प. की इस योजना की क्षमता वृद्धि और विस्तार भी शामिल है।


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