तृतीय केदार “तुंगनाथ जी” के कपाट खुल गए, खबर पढ़कर दर्शन कीजिये

तृतीय केदार “तुंगनाथ जी” के कपाट खुल गए, खबर पढ़कर दर्शन कीजिये
Please click to share News

रमेश रावत, गढ़ निनाद न्यूज़ * 20 मई 2020

रुद्रप्रयाग: आज 20 तारीख को विधि विधान से तृतीय केदार मंदिर भगवान “तुंगनाथ जी” के कपाट 11:30 बजे सुबह भक्तजनों के लिए खोल दिए गए। तुंगनाथ दुनिया के सबसे ऊंचे शिव मंदिरों में से एक है और पांच केदार में सबसे ऊंचाई पर स्थित है।

तृतीय केदार के रूप में प्रसिद्ध तुंगनाथ मंदिर एक हजार साल पुराना माना जाता है। यहाँ भगवान शिव की पंच केदारों में से एक के रूप में पूजा होती है। ऐसा माना जाता है की इस मंदिर का निर्माण पाण्डवों द्वारा भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया गया था। जो कुरुक्षेत्र में हुए नरसंहार के कारण पाण्डवों से रुष्ट थे। 

भगवान तुंगनाथ की चोटी तीन धाराओं का स्रोत है, जिनसे अक्षकामिनी नदी बनती है। तुंगनाथ मंदिर चोपता से तीन किलोमीटर दूर स्थित है। कहा जाता है कि पार्वती माता ने शिव जी को प्रसन्न करने के लिए यहां ब्याह से पहले तपस्या की थी। तुंगनाथ मंदिर रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। यहां हर साल बड़ी संख्या में पर्यटकों की भरमार रहती है मगर इस साल कोरोना महामारी के चलते मंदिर के कपाट सादगी से खोले गए, अभी पर्यटकों की आवाजाही पर भी रोक है। 

प्रसिद्ध पवित्र पंचकेदार – बाबा केदार नाथ मंदिर 3,583 m (11,755 ft), तुंगनाथ 3,680 m (12,070 ft), रुद्रनाथ 2,286 m (7,500 ft), मध्यमहेश्वर 3,490 m (11,450 ft) और कल्पेश्वर 2,200 (7,200 ft) पर स्थित हैं।

मुख्य मंदिर केदारनाथ उत्तराखंड के प्रसिद्ध चार धाम में शामिल हैं। बद्रीनाथ, केदार नाथ, गंगोत्री, और यमुनोत्री चारों धाम गढ़वाल हिमालय क्षेत्र में स्थित हैं जहाँ चार धाम यात्रा के लिए देश विदेश से श्रद्धालु आते हैं। केदार नाथ धाम मंदिर 12 ज्योतिलिंगों में भी शामिल है। गढ़वाल क्षेत्र भगवान शिव के स्थानीय नाम केदार से केदार खंड भी कहा जाता है।

तुंगनाथ दुनिया के सबसे ऊंचे शिव मंदिरों में से एक है और उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के तुंगनाथ की पर्वत श्रृंखला में स्थित पाँच पंच केदार मंदिरों में से सबसे ऊँचा है। तुंगनाथ पर्वत मंदाकिनी और अलकनंदा नदी घाटियों का निर्माण करते हैं। यह 3,680 मीटर (12,073 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है, और चंद्रशिला के शिखर के नीचे है। तुंगनाथ पंच केदारों के क्रम में तीसरा है। इसमें महाभारत के पांडवों से जुड़ी एक समृद्ध कथा है।

Similar Posts:
[insert page=’lord-rudranaths-doors-opened-with-vedic-hymns’ display=’content’]

Similar Post:
Similar Posts:
[insert page=’bhagwaan-shri-badrinath-dham-doors-opened-at-4-30chief-minister-extended-best-wishes’ display=’content’]


Please click to share News

admin

Related News Stories