अंकिता का शव बरामद: सीएम के निर्देश पर रिसोर्ट पर चला बुलडोजर, मामले की एसआईटी जांच के निर्देश

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अंकिता मामले में सीएम धामी ने देर रात आरोपियों के रिसोर्ट पर बुलडोजर चलाया साथ ही एसआईटी जांच के आदेश दे दिए हैं। सीएम ने कहा कि “आज प्रातः काल बेटी अंकिता का पार्थिव शव बरामद कर लिया गया। इस हृदय विदारक घटना से मन अत्यंत व्यथित है।” 

-सीएम धामी

ऋषिकेश, 24 सितंबर 2024। SDRF ढालवाला द्वारा चीला पावर हॉउस से अंकिता भंडारी का शव आज बरामद कर लिया गया है।

रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की कथित तौर पर हत्या के मामले में सीएम पुष्कर सिंह धामी के आदेश के बाद आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए देर रात अंकिता हत्याकांड के एक आरोपी पुलकित आर्य के रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलाया गया। साथ ही मामले की जांच के लिए एसआईटी गठन के निर्देश दिए हैं। उधर उत्तराखंड पुलिस ने फेसबुक पर जानकारी दी कि अंकिता भंडारी केस में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। सीएम के आदेश से आरोपियों की संपत्ति पर भी कारवाई की जा रही है। इसके अलावा लोगों से भी अपील की गई है कि पुलिस का साथ दें ताकि आगे की कारवाई की जा सके । 

अंकिता का शव बरामद

मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को अपने जिलों में रिसोर्ट की जांच करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जो रिजॉर्ट अवैध बने हैं या अवैधानिक रूप से संचालित हैं, उनके खिलाफ तत्काल आवश्यक कार्रवाई की जाए।

अंकिता की हत्या के मामले में पुलिस ने रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता को गिरफ्तार किया है। सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 201, 120-B के तहत केस दर्ज किया गया है। हत्या का मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पूर्व राज्य मंत्री विनोद आर्य का बेटा है।

आपको बता दें कि मौजूदा समय में विनोद आर्य बीजेपी ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं और यूपी के सह प्रभारी भी हैं। वो पूर्व में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। उनके दूसरे बेटे अंकित को भी राज्य मंत्री का दर्जा मिला है। वह इस वक्त राज्य पिछड़ा आयोग में उपाध्यक्ष है। हालांकि विनोद आर्य ने बेटे पर लगे आरोपों को झूठा बताया है। लेकिन जिस प्रकार सीएम ने मामले का तत्काल संज्ञान लेते हुए देर रात आरोपी के रिसोर्ट पर बुलडोजर फेर दिया है उससे लगता है कि धामी दोषियों को किसी तरह बख़्सने के मूड में नहीं हैं चाहे वह कितना ही रसूखदार क्यों हो। 

अब देखना यह है विनोद आर्य कब तक ओहदे पर बने रहते हैं। भाजपा उन्हें बाहर का रास्ता दिखाएगी या नहीं उन भविष्य के गर्त में है।


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Garhninad Desk

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