शस्त्र विद्या से देश की सुरक्षा होती है, तो शास्त्र विद्या से राष्ट्र का पोषण : डॉ घिल्डियाल

शस्त्र विद्या से देश की सुरक्षा होती है, तो शास्त्र विद्या से राष्ट्र का पोषण : डॉ घिल्डियाल
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देहरादून 26 जनवरी। शस्त्र विद्या से जहां देश की बाहरी एवं आंतरिक सुरक्षा से सुदृढ़ होती है, तो शास्त्रों के अध्ययन से और आचरण से राष्ट्र का विधिवत पोषण होता है।

उपरोक्त विचार सहायक निदेशक शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने देहरादून राजपुर रोड स्थित आर्ष कन्या गुरुकुल महाविद्यालय मे व्यक्त किए, वह गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में ध्वजारोहण कर रहे थे।

सहायक निदेशक ने कहा कि किसी भी देश को सुदृढ़ बनाने के लिए जहां शस्त्र विद्या की आवश्यकता है ,वही शास्त्र विद्या की भी परम आवश्यकता है, क्षत्रिय धर्म से राष्ट्र की रक्षा और ब्रह्म विद्या से देश के नैतिक मूल्यों की रक्षा होती है ,इसलिए इन दोनों पर समान रूप से ध्यान दिया जाना आवश्यक है, और ब्रह्मविद्या के पोषण में गुरुकुल महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

मुख्य अतिथि के रुप में मार्च पास्ट का निरीक्षण कर सलामी लेते हुए उन्होंने कहा कि देश का वैभव बना रहना चाहिए इसके लिए देश के नौनिहालों को एक तरफ देश का वास्तविक इतिहास पढ़ाने की आवश्यकता है, तो दूसरी तरफ राष्ट्रीय पर्वों को धूमधाम से मनाने की प्रवृत्ति का विकास परम आवश्यक है।

मुख्य अतिथि को पुष्पगुच्छ, अंग वस्त्र एवं सम्मान पत्र भेंट करते हुए महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ दीपशिखा एवं संरक्षक आचार्य अन्नपूर्णा ने कहा कि ऐसे पर्वों पर अधिकारियों के आने से विद्यालय परिवार में उत्साह का संचार होता है, और उससे विद्यार्थियों में देश प्रेम का भाव जागृत होता है।

इस अवसर पर छात्राओं द्वारा वंदे मातरम, दिल भी देंगे जान भी देंगे ए वतन तेरे लिए जैसे कार्यक्रमों की प्रस्तुति देने से कार्यक्रम राष्ट्रभक्ति पूर्ण हो गया, छात्राओं ने हिंदी अंग्रेजी एवं संस्कृत में कुशलतापूर्वक भाषण देकर भी महाविद्यालय की सुदृढ़ पठन-पाठन व्यवस्था का उदाहरण भी प्रस्तुत किया।

महाविद्यालय की छात्रा प्रतिभा के संचालन में चले कार्यक्रम में प्रवक्ता डॉ विद्या नेगी, विनी सिंह, डॉ मीना राजपूत, आरती रतूड़ी, श्रद्धांजलि, आचार्य आदेश, सुमेधा, मिथिलेश , प्रणती सहित महाविद्यालय के सभी छात्र छात्राएं एवं कर्मचारी उपस्थित थे।


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Garhninad Desk

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