संयुक्त विशेषज्ञ समिति (JEC) ने किया भिलंगना घाटी के ग्रामों का दौरा

संयुक्त विशेषज्ञ समिति (JEC) ने किया भिलंगना घाटी के ग्रामों का दौरा
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टिहरी गढ़वाल 1 फरवरी । टिहरी बांध की झील के जल स्तर में उतार चढ़ाव से आरएल 835 मीटर से ऊपर के आशिंक डूब क्षेत्र के ग्रामों में लगातार आ रही दरारों से हो रहे नुकसान का आज संयुक्त विशेषज्ञ समिति ने जायजा लिया।

समिति ने अपने इस दौरे/निरीक्षण में दरारों का गहनता से आकलन किया साथ ही समिति ने भिलंगना घाटी के ग्राम पिपोला खास में अधिकांश मकानों में आई दरारो का गहनता से निरीक्षण किया, और प्रथम दृष्ट्या पाया कि इस ग्राम के मकानों में अत्यधिक दरारे आ गई है, और यह दिन प्रतिदिन बढ़ रही है, कुछ मकान तो कभी भी जमीं दोज हो सकते है, समिति जब अपनी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी तभी पता लगेगा कि समिति ने क्या रिपोर्ट दी है।
समिति के निरीक्षण के दौरान ग्राम पिपोलाखास में श्री शान्ति प्रसाद भट्ट और प्रधान श्रीमती कविता भट्ट ने समिति के सदस्यों को एक ज्ञापन भी दिया, जिसमे इस ग्राम की वास्तविक स्थिति को बताया गया है। समिति के निरीक्षण के दौरान टिहरी विधायक श्री किशोर उपाधाय भी पहुंचे और कमेटी के सदस्यों से सवाल जवाब किए।ग्राम प्रधान ने समिति और विधायक जी को अवगत कराया कि, इस ग्राम के अधिकाशं मकानों में लगातार दरारें आ रही है, और स्थिति धीरे धीरे बिगड़ती जा रही है, इसलिए सरकार को चाहिए कि इस ग्राम को पूर्ण रुप से डूब क्षेत्र मानते हुए, विस्थापित करें, चुकीं समस्या मानव निर्मित और बांध निर्माण की झील के जलस्तर के उतार चढ़ाव के कारण पैदा हुई है। ग्रामीणों ने रोष व्यक्त करते हुऐ कहा कि विस्थापन की एवज में ग्रामीणों को भूमि के बदले भूमि ही चाहिए, चुकीं सरकार का 74लाख रुपए देने का निर्णय मनमाना है, जो इस ग्राम को स्वीकार नहीं है, पूर्व में जिनकी भुमि इसी बांध निर्माण के लिए डूबी उन्हे भुमि दी गई, और हमारी भूमी भी इसी बांध के लिए डूबी तो हमे भी भूमि के बदले भुमि ही दी जाय, एक ही परियोजना के लिए अलग अलग मानक नही हो सकते है। यह संविधान में नागरीको को प्रदत्त मूलाधिकारो का हनन है,इसलिए सरकार नीति में निम्नाकित संशोधन करे:
1: संपार्श्विक क्षति नीति 2013 संशोधित 2021में यह संशोधित हो की पूर्व की नीतियों की भांति दो एकड़ कृषि भूमि व 200वर्ग मीटर आवासीय भूखंड प्रत्येक पात्र विस्थापित को दिया जायेगा, और इस हेतु कट ऑफ डेट 2021की जाय।
संयुक्त विशेषज्ञ समिति (JEC) के सदस्यों में प्रो. नितीस विश्वकर्मा, (भारतीय भुगर्वीय सर्वेक्षण विभाग)
प्रो. एन. के समाधियां,(आई आई टी रुड़की), हरीश हेमदान,(सर्वे ऑफ इण्डिया), ए कुमार,( खनन विभाग)
वी के सिंह (डी एफ ओ टिहरी) दिनेश शुक्ला, ( महाप्रबंधक टी एच डी सी)धीरेंद्र सिंह नेगी(अधिशासी अभियंता, अवस्थापना खंड नई टिहरी), तहसीलदार श्री गंगा प्रसाद पेटवाल, राजस्व निरीक्षक ममगाई उपस्थित थे ।
इसी ग्राम के निवासी शान्ति प्रसाद भट्ट (एडवोकेट),ग्राम प्रधान श्रीमती कविता भट्ट, पूर्व प्रधान कुशला नंद भट्ट, पूर्व प्रधान विनोद चमोली, शेर सिंह नेगी, अरविंद कंडवाल, नित्या नंद,बच्चन सिंह कंडवाल, दया राम रतूड़ी, चंद्रमोहन भट्ट, चमन लाल उनियाल, आदि उपस्थिति थे।


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Govind Pundir

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