रक्षा बंधन का पर्व निराला हैं

रक्षा बंधन का पर्व निराला हैं
Please click to share News


रक्षा बंधन का पर्व निराला हैं, बहनों का प्यारा, त्योहार हमारा है।

रिश्तों को जोडें, दिल कभी न तोडे । दूरियों को मिटाता, हर साल है आता।।
अपनेपन का अहसास कराता, एकाकीपन को दूर भगाता ।

रक्षा बंधन का पर्व निरालाहैं, बहनों का प्यारा ,त्योहार हमारा है।।
हर दूरी को, यह कम कर जाता।दूर शहर से बहनों को हैं बुलाता।

हंसी खुशी, पल पल है बिताता, बच्चों को भी खूब है भाता।
रक्षा बंधन का पर्व निरालाहैं, बहनों का प्यारा, त्योहार हमारा है।।
पकवानों का स्वाद बढाता, जब मिलकर सारा परिवार है खाता।

आंखों में देकर खुशी के आंसू, फुर से है यह फिर उड जाता।।

रक्षा बंधन का पर्व निरालाहैं , बहनों का प्यारा त्योहार हमाराहै ।।
अगले साल आने की खुशी में, मन के सारे गम है भुलाता।

कडुवाहट को दिल से हटाकर ,मीठा मीठा अहसास कराता ।।

मायके आने का सेतु बन जाता, पूरा वर्ष पल मे कट जाता।
मां, पापा से मेल कराता, भाई -भाभी से उपहार दिलाता।स्नेह का धागा और मजबूत हो जाता।।

रक्षा बंधन का पर्व निराला हैं ,बहनों का प्यारा त्योहार हमाराहै ।।
* डा.शशि बाला वर्मा राजकीय महाविद्यालय पोखरी क्वीली टिहरी गढवाल


Please click to share News

Govind Pundir

Related News Stories