शैक्षिक लेखन दक्षता को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम- प्रो. अनीता तोमर, निदेशक, फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर

शैक्षिक लेखन दक्षता को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम- प्रो. अनीता तोमर, निदेशक, फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर
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टिहरी गढ़वाल 30 सितम्बर। श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के फैकल्टी डेवलपमेंट सेण्टर द्वारा एक सप्ताह के फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम “एकेडेमिक राइटिंग- इनहैंसिंग स्कोलरिली स्किल्स ” का आज सफल समापन हुआ। समापन सत्र में मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के विज्ञान संकायध्यक्ष प्रो. गुलशन कुमार धींगरा ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि गुणवत्तापूर्ण शोध कार्य करने में शैक्षिक लेखन का महत्वपूर्ण योगदान है। हमारा लक्ष्य शिक्षकों को इस सदैव-बदलते परिप्रेक्ष्य में छात्रों को तैयार करने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करना है। यह कार्यक्रम विद्यार्थियों के शैक्षिक लेखन के विभिन्न पहलुओं को समझने और उनके लेखन दक्षता को विकसित के लिए एक मूल्यवर्धित होगा। उन्होंने सफल कार्यक्रम आयोजित करने पर विश्वविद्यालय के फैकल्टी डेवलपमेंट सेण्टर को बधाई दी।

प्रो. अनीता तोमर, निदेशक, फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर, ने कहा कि हमें हमारे शैक्षणिक कौशल में एक वैश्विक दृष्टिकोण को अपनाना होगा। यह फैकल्टी विकास कार्यक्रम शिक्षकों और छात्रों के लिए एक परिवर्तनात्मक यात्रा की शुरुआत का प्रारंभ है। यह प्रतिभागियों को आवश्यक लेखन के कौशल को प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। यहां प्राप्त ज्ञान से शिक्षक अपने शोध कार्यों में नए अद्वितीय तरीकों का प्रयोग कर सकेंगे जो युवा शोधकों और समाज के लिए एक बेहतर भविष्य को आकार देगा। प्रो . तोमर ने कहा कि फैकल्टी विकास केंद्र की शुरुआत के साथ, हम नवाचार, अनुसंधान, और उत्कृष्टि देने के लिए तैयार हैं जिससे शिक्षा के क्षेत्र में समृद्धि होगी । गुणवत्तापूर्ण शोध कार्यों के लिए अकादमिक लेखन अत्यंत महत्वपूर्ण है। शोध की महत्वपूर्ण चरण में रिपोर्ट लिखने की कौशल क्षमता का महत्वपूर्ण योगदान होता है। उन्होंने कहा कि सभी प्रतिभागी शोध कार्यों को करने में मात्रा से ज्यादा गुणवत्ता का ध्यान रखें। इस कार्यक्रम को पूर्ण कर प्रतिभागियों ने शैक्षिक लेखन में कौशल प्राप्त किया है। समापन सत्र में फैकल्टी डेवलपमेंट सेण्टर की निदेशक प्रो अनीता तोमर ने सभी आमंत्रित विषय विशेषज्ञों एवं प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति माननीय प्रो. एन.के. जोशी की प्रेरणा ने इस सफल आयोजन को आकार दिया है। उन्होंने कुलपति का कार्यक्रम आयोजित करने में मिले मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम समन्वयक डॉ गौरव वार्ष्णेय ने कार्यक्रम में आयोजित हुए तकनीकी सत्रों की आख्या प्रस्तुत की।उन्होंने बताया कि एक सप्ताह के इस कार्यक्रम में 19 तकनीकी सत्र आयोजित हुए जिसमें कार्यक्रम समन्वयक अकादमिक राइटिंग हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के प्रो अजय सिमल्टी, आई आई टी रूड़की के प्रो रजत अग्रवाल, ऐकडेमिक राइटिंग स्वयं मूक टीम के डॉ लोकेश अधिकारी, पंजाब विश्वविद्यालय के प्रो वी. के गर्ग, आर डी विश्वविद्यालय के प्रो एस एस संधू, प्रशिक्षण प्रबंधक, स्पोकन ट्यूटोरियल ,आई आई टी मुंबई से प्रो जैसी वैलूसामी, डॉ. सौरभ यादव , शैक्षणिक लेखन स्वयं मूक टीम के डॉ मोना सेमल्टी ने व्याख्यान दिए।

समापन सत्र का सञ्चालन एफ. डी. सी. के उपनिदेशक डॉ अटल बिहारी त्रिपाठी ने किया। श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एन के जोशी और पण्डित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश के प्राचार्य प्रो एम एस रावत ने कार्यक्रम आयोजित करने पर प्रो. अनीता तोमर व् फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर की टीम को बधाई दी।


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Govind Pundir

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