वेद ही सबसे पुराने धर्मग्रंथ हैं- त्रिपाठी

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संस्कृत सरकारी कामकाज की भाषा हो- किशोर

टिहरी गढ़वाल 25 सितम्बर। आज से सनातन धर्म शक्तिपीठ दुर्गा मंदिर समिति और महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जैन की ओर से आयोजित तीन दिवसीय क्षेत्रीय वैदिक सम्मेलन का शुभारंभ वेदोच्चारण से किया गया। सम्मेलन में 100 अधिक वेदपाठी मौजूद रहे। अधिकांश ने एक स्वर से कहा कि वेदों से ही गणित का आविष्कार हुआ है और वेद ही सबसे पुराने धर्म ग्रंथ हैं। साथ ही सारे धर्मों में से सबसे पुराना सनातन धर्म है।

सम्मेलन के प्रथम दिवस के मुख्य अतिथि उत्तराखंड देव संस्कृति विवि के पूर्व कुलपति और लाल बहादुर शास्त्री विवि के प्रो. देवी प्रसाद त्रिपाठी और विशिष्ट अतिथि विधायक किशोर उपाध्याय ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। 

इस मौके पर मुख्य अतिथि प्रो. देवी प्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति में वेदों का प्रमुख स्थान है। वेदों से ही गणित का आविष्कार हुआ है लेकिन कुछ तथाकथित लोगों ने वेदों के बारे में गलत धारणाएं पेश की हैं। हमारा सनातन धर्म सबसे पुराना धर्म है। आज आवश्यकता इसके व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार किए जाने की है।

टिहरी विधायक उपाध्याय ने सुझाव दिया कि नगर पालिका, जिला पंचायत व राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार को प्रस्ताव जाना चाहिए कि संस्कृत सरकारी कामकाज की भी भाषा हो। कहा कि मैंने ऐसा सुझाव पहले भी विधान सभा में दिया था। उपाध्याय ने कहा कि सनातन की शुरुआत वेदों से हुई है। इसलिए वेदों के संरक्षण और संस्कृत को आम बोलचाल की भाषा बनाने की आवश्यकता है। कहा कि आज मां गंगा की इस पावन धरती पर पहला वैदिक सम्मेलन हो रहा है इसके लिए तमाम उपस्थित अतिथियों का आभार और स्वागत है। यह भी पढें

सम्मेलन के दौरान स्वामी केशव स्वरूप ब्रह्मचारी, स्वामी अच्युतानंद, डाॅ. ओम प्रकाश भट्ट, हनुमंत प्रसाद और मोहन लाल नौटियाल ने वेदाें की जानकारी दी। डाॅ. अनूप कुमार मिश्र ने महर्षि सांदिपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान की ओर से वेद और संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों से अवगत कराया।

इस मौके पर संयोजक राजेंद्र चमोली, अध्यक्ष सुषमा उनियाल, पालिकाध्यक्ष सीमा कृषाली, जाखणीधार की प्रमुख सुनीता देवी, पूर्व प्रमुख अनीता कंडियाल, जगदंबा रतूड़ी, विद्या नेगी, सचिव डॉ. यूएस नेगी, कोषाध्यक्ष त्रिलोक चंद रमोला, रविंद्र सेमवाल, कमल सिंह महर, उदय रावत, पुरुषोत्तम चौहान आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन सुशील कोटनाला ने किया।


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Govind Pundir

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