बौराड़ी स्टेडियम का विस्तारीकरण दो विभागें के आपसी विवाद में फंसा- जगत सागर बिष्ट                             

बौराड़ी स्टेडियम का विस्तारीकरण दो विभागें के आपसी विवाद में फंसा- जगत सागर बिष्ट                             
Please click to share News

टिहरी जनपद मुख्यालय का एकमात्र स्टेडियम का विस्तारीकरण का कार्य पिछले आठ सालों से यूपी निर्माण निगम व युवा काल्याण निदेशालय के आपसी विवादों के कारण रूका पड़ा है। जिससे जनपद के खिलाडीयों में प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन के खिलाफ आक्रोष व्याप्त है। 

बताते चलें कि पुर्नवास निदेशालय ने पुरानी टिहरी के तीन खेल के मैदानों के बदले में नई टिहरी के बौराड़ी में एक ऐसे खेल मैदान का निर्माण करवाया जो किसी  भी खेल क्रिकेट, बालीवाल, हाकी या जिला स्तरीय खेलों का मानक पूरा नही करता था, उसका पुर्नवास निदेशालय ने नाम रखा स्टेडियम। जनपद के खिलाडियों के साथ यह मजाक तब पता चला जब पुरानी टिहरी से लोग नई टिहरी विस्थापित हुए। खिलाड़ियों ने पुनर्वास विभाग के इस मजाक के खिलाफ धरना, प्रर्दशन, ज्ञापनों का सिलसिला कई सालों तक चलने के बाद 1916-17 में तत्कालीन सरकार में कैबनेट मंत्री दिनेश धनै ने खिलाडीयों की मांग पर ध्यान दिया और स्टेडियम का विस्तारिकरण क्रिकेट के मानकों की तर्ज पर करवाने के लिए सात करोड़ का बजट आवंटित किया गया । जिसमें दो चरण में कार्य किया जाना था । मंत्री ने पहले चरण का कार्य तो करवा लिया, उसके बाद सरकार बदल गयी।

सरकार बदलने के बाद दूसरे चरण का जो 6 करोड़ 50 लाख का बजट यूपी निर्माण निगम ने  सरकार को भेजा वह बजट भाजपा सरकार ने डस्टविन में डाल दिया । जिसमें स्टेडियम के पानी निकासी व सौदर्यकरण किया जाना था, जो नही हो पाया हैं। जिससे स्टेडियम का कार्य अधूरा पड़ा है।  स्टेडियम के विस्तारिकरण के लिए स्टेडियम की 46 दुकाने तोड़ी गयी, वह दुकाने पहले चरण में बन गयी लेकिन 6-7 साल बाद भी  दुकानों को दुकान मालिकों को आवंटित नही की गयी। जिससे दुकान मालिकों में आक्रोश व्याप्त है। पीड़ित दुकान मालिक अब कोर्ट जाने के लिए मजबूर है , यूपी निर्माण निगम के इंजीनियर कमल नौटियाल ने बताया कि स्टेडियम का पहले चरण का कार्य पूरा किया गया है, बीच में युवा कल्याण निदेशालय ने दूसरी एजेंसी से कुछ और कार्य करवाया , जिसकी निगम को कोई जानकारी नहीं है ।  स्टेडियम के विस्तारिकरण में खिलाड़ीयों के लिए कम और अन्य के लिए अधिक पैसे बटोरने का कार्य अधिक किया गया है। खिलाड़ीयों ने स्टेडियम के विस्तारिकरण  निर्माण की  जांच की मांग की है। स्टेडियम का निर्माण कार्य अधूरा पडा है । पहले चरण में जो कार्य किये गये थे, वे भी छति ग्रस्त हो गये है । जिला युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल के अधिकारी पंकज तिवाड़ी का कहना है कि स्टेडियम के पहले चरण का कार्य तो समाप्त हो गया है, दुसरे चरण के लिए अभी बजट अंवटित नही हुआ है। जैसे बजट आयेगा रुके कार्य को पूरा किया जायेगा ।

पिछले आठ सालों से स्टेडियम के नाम पर जिन 46 दुकानों को तोड़ा गया था, निर्माण के बाद भी दुकानों का अंवटन नही हुआ, दुकानों के आगे लगे शीशे टूट गए, झाड़ियां उगने लगी हैं। युवा कल्याण अधिकारी ने बताया कि युपी निर्माण निगम ने स्टेडियम को हैड़ओबर नही किया है। दुकान अंवटन पर युवा कल्याण का कहना है कि पुनर्वास, युवा कल्याण व जिला प्रशासन मिल कर आदेश के बाद आंवटन प्रक्रिया शुरू होगी। सवाल यह उठता है कि खिलाड़ीयों के भविष्य के साथ कब तक, कमिशन खोरी का खेल चलता रहेगा, कब तक खिलाड़ी यू ही विभागों के आपसी विवादों में फंसे रहेगे ।


Please click to share News

Garhninad Desk

Related News Stories