पुरानी टिहरी बांध विस्थापितों की समस्याओं का तत्काल समाधान हो -ठाकुर भवानी प्रताप

पुरानी टिहरी बांध विस्थापितों की समस्याओं का तत्काल समाधान हो -ठाकुर भवानी प्रताप
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टिहरी गढ़वाल 11 दिसम्बर। टिहरी बांध से विस्थापित हुए लगभग 500-600 परिवारों को भूमि प्रतिकर भुगतान किये जाने को लेकर बांध संघर्ष समिति के अध्यक्ष ठाकुर भवानी प्रताप के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने जिलाधिकारी मयूर दीक्षित से मुलाकात की।

ठाकुर भवानी प्रताप

मुलाकात के बाद ठाकुर भवानी प्रताप ने गढ़ निनाद को बताया कि शहर के मूल बांध विस्थापित लोग आज भी अपनी मूल-भूत सुविधाओं से वंचित है। उत्तराखंड प्रदेश को गठित हुए 23 वर्ष पूर्ण हो चुके है, फिर भी विस्थापितों की समस्यायें जस की तस बनी हुयी है, टिहरी शहर के भूमिधरों को (वार्ड संख्या 1 से 6) पूर्व में 5/- प्रतिवर्ग की दर से प्रतिकर का भुगतान किया गया, कतिपय काश्तकारों द्वारा भू-अर्जन अधिनियम की धारा 18 एवं 28 ए के अन्तर्गत प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किये गये थे जिन्हें मा० न्यायालय /उच्च न्यायालय द्वारा भूमि की दरों को बढ़ाते हुए 30/-रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से भुगतान के आदेश दिये गये थे जिसके परिचालन में कतिपय परिवारों को 30/-प्रति वर्ग फीट की दर से भुगतान कर दिया गया परन्तु अवशेष परिवारों को आजतक भी उक्त दर से प्रतिकर का भुगतान नहीं किया गया, जो की अत्यन्त पीड़ा दायक है। इन सब मुद्दों पर जिलाधिकारी से सौहार्दपूर्ण वार्ता हुई है।

बांध विस्थापित संघर्ष समिति के सदस्यों ने बताया कि उन्होंने डीएम से अनुरोध किया है कि

1. जिन परिवारों के मुखिया के नाम पर भूमि दर्ज है, वह मृत्यु को प्राप्त हो गये है, अब उनके आश्रित है जो काफी वृद्ध हो गये है और कभी भी मृत्यु को प्राप्त हो सकते है, अतः जनहित में अन्य वार्डो की भाँति वार्ड नं0 1 से 6 तक के विस्थापित अवशेष परिवारों को भी 30/- रूपये प्रति वर्ग फीट की दर से भूमि का प्रतिकर भुगतान किया जाय।

2. पुरानी टिहरी शहर के उन विस्थापित भूमिधरों को भवन निर्माण सहायता से वंचित रखा गया है, जिन्होने आवसीय भू-खण्ड के बदलें नगद राशि ली है जबकि पुर्नवास निति 1998 में स्पष्ट कहा गया है कि “नगद राशि का विकल्प स्वीकार करने पर भी विस्थापित परिवार पुर्नवास नीति के अन्तर्गत अन्य पुनर्वास सुविधा/अनुदान पाने का हकदार होगा’ नीति में स्पष्ट है कि नगद राशि आवासीय प्लॉट का विकल्प है भवन निर्माण सहायता का नहीं।

3.इसलिए भवन निर्माण सहायता उपलब्ध कराई जाय। व्यवसायिक क्षतिपूर्ति से वंचित 68 व्यवसायियों को नियमानुसार क्षतिपूर्ति, 43 परिवारों को छुटी हुई संपत्ति का भुगतान सर्वे सीट में दर्ज व्यवसायियों को दुकान आवंटन सहित सभी लंबित मामलों का निस्तारण किया जाना चाहिए। उक्त के अतिरिक्त मूल विस्थापित परिवारों के आश्रितों को नौकरियों में तथा झील क्षेत्र में वोटिंग एवं अन्य पर्यटन सम्बन्धित क्रियाकलापों में रोजगार हेतु विस्थापित परिवारों के आश्रितों को वरीयता प्रदान की जाए, पर्यटन विकास के माध्यम से झील के समीप तथा कोटी कॉलोनी क्षेत्र में जो दुकानें निर्मित हैं उन्हें स्थानीय विस्थापितों को दी जाए आदि पर चर्चा हुई।


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Govind Pundir

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