त्रिवेंद्र सिंह पंवार और चतरा देवी के असमय निधन पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित
( लोकेंद्र जोशी की रिपोर्ट)
टिहरी गढ़वाल 29 नवंबर 2024। घनसाली में इंद्रमणि बडोनी कला एवं साहित्य मंच के तत्वावधान में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम उत्तराखंड राज्य आंदोलन के आधार स्तंभ और उत्तराखंड क्रांति दल के संरक्षक त्रिवेंद्र सिंह पंवार तथा ग्राम भेलगढ़ी निवासी समाजसेवी चतरा देवी गुसाईं के आकस्मिक निधन पर आयोजित किया गया। वासुलोक होटल में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सामाजिक, राजनीतिक, और सांस्कृतिक संगठनों के सदस्य उपस्थित रहे।
इंद्रमणि बडोनी कला एवं साहित्य मंच घनसाली के तत्वावधान आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मंच के अध्यक्ष, वरिष्ठ अधिवक्ता एवं उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी लोकेंद्र जोशी त्रिवेंद्र पंवार को राज्यवासियों का सच्चा सपूत बताया और कहा कि, निधन को अपूर्णीय क्षति बताया। उन्होंने का पंवार एक निर्भीक आंदोलकारी रहे जिन्होंने , उत्तराखंड के मुद्दों को सड़क से संसद तक पहुंचाया, और उनका विरोध और संघर्ष कई बार ऐतिहासिक रहा। पंवार ने भारत की संसद में 23अप्रैल वर्ष 1987 में परचे फेंककर उन्होंने राज्य के अधिकारों के लिए जोरदार तरीके से आवाज उठाई, जिससे उत्तराखंड की मांग को राष्ट्रीय पटल पर मजबूती मिली। जोशी ने कहा कि, उत्तराखण्ड क्रान्ति दल ने राज्य की लड़ाई मजबूती से लड़ी किन्तु समय समय पर बुरे दौर से भी दल को गुजरना पड़ा किंतु ऐसे मौकों पर, उक्रांद के वरिष्ठ नेता त्रिवेंद्र पंवार ने हमेशा उक्रांद को संगठित करते हुए संजीवनी का काम किया ।
अध्यापक विशन सिंह राणा ने समाज सेवी चतरा देवी एवं उक्रांद नेता त्रिवेंद्र पंवार, को राज्य के लिए समर्पित व्यक्ति बताया जिनका निधन अपूर्णीय क्षति, है ।
इंद्रमणि बडोनी कला एवं साहित्य मंच के संयोजक बेलीराम कंसवाल ने त्रिवेंद्र पंवार को पहाड़ के गांधी इंद्रमणी बडोनी के साथ हनुमान की भूमिका में रहते हुए राज्य का सच्चा सपूत बताया जिनका निधन ऐसे गलत समय पर हुआ जब पंवार राज्य की जनता मूल निवास भू कानून एवं बेरोजगारी दूर करने के लिए जैसे व्यापक आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे।
बेली राम कंसवाल ने कहा कि पंवार की विशेषता यह थी कि वह हमेशा लोगों के साथ खड़े रहते थे, चाहे दिन हो या रात। उनके इस सदाचार ने उन्हें जनता के बीच एक विशिष्ट स्थान दिलाया। उन्होंने अपने कार्यों के माध्यम से दिखाया कि एक नेता का कर्तव्य सिर्फ चुनाव जीतना नहीं होता, बल्कि लोगों की सेवा करना और उनके मुद्दों को उठाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
राज्य आंदोलनकारी व्यापार मण्डल घनसाली के अध्यक्ष डॉ नरेंद्र डंगवाल ने अपने जिला पंचायत सदस्य कार्यकाल के दौरान क्षेत्र की एक मात्र सजग महिला नेत्री चतरा देवी से जुड़ी यादों से अवगत कराया तथा त्रिवेंद्र पंवार को राज्यवासियों का क्रांतिकारी योद्धा बताते हुए राज्य निर्माण और उसके पश्चात जारी उनके संघर्ष को याद करते हुए उनके दुर्घटना में मारे जाने पर चिंता जताते हुए आंदोलकारी साथियों के लिए अपूर्णीय क्षति बताई।
रीजनल पार्टी के बिशन कंडारी और जितेंद्र थपलियाल ने पंवार का निधन दुर्भाग्य पूर्ण करार दिया और कहा कि पंवार का निधन से एक रिक्तता आ गई है जिसकी भरपाई की जानी सम्भव नहीं। दोनों नेताओं पहाड़ के प्रति सरकार की उपेक्षाओं के प्रति संगठित हो कर संघर्ष की आवश्यकता बताई।
समाज सेवी विनोद बडोनी एवं केशर सिंह रावत तथा मुरलीधर कंसवाल ने कहा कि त्रिवेंद्र पंवार उत्तराखंड का एक प्रमुख आंदोलनकारी नेता और समाजसेवी थे। उन्होंने उक्रांद को मजबूत बनाने और उत्तराखंड के मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके निधन से राज्य ने एक दूरदर्शी नेता और प्रेरक व्यक्तित्व को खो दिया है।
पत्रकार तेजराम सेमवाल ने त्रिवेंद्र पंवार एवं श्रीमती चतरा देवी को उत्तराखंडी समाज के सजग प्रहरी बताते हुए कहा कि दोनों नेताओं का योगदान उत्तराखंड भुला नहीं सकता।
बालगंगा महाविधालय के असिस्टेंट प्रोफेश डॉ मुकेश नैथानी ने कहा राज्य की वर्तमान स्थिति चिंतनीय है यदि समय रहते राज्य युवाओं के हित सार्थक कदम नहीं उठाए गए तो, राज्य में अराजकता माहोल उत्पन्न होगा।
शिक्षक नेता लोकेंद्र रावत, एवं महेश्वर सेमवाल ने पंवार से जुड़ी स्मृतियों को ताजा करते हुए पंवार एवं श्रीमती चतरा देवी का समाज के युग प्रवर्तक बताते हुए उनका निधन दुखद बताया।
डॉ नैथानी ने कहा कि चुनाव के लिए उम्मीदवारों की आवश्यकता होती थी, तब पंवार हमेशा आगे आते थे। यह उनकी प्रतिबद्धता और नेतृत्व कौशल का उदाहरण है। वह उन चुनिंदा नेताओं में से एक थे जिन्हें सत्ता का राजप्रसाद नहीं मिला, फिर भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
पूर्व प्रधान मारवाड़ी प्रेम सिंह पंवार ने कहा कि उक्रांद नेता पंवार पहाड़ के हितों में किए गए संघर्ष में, उन्हें यह समझना पड़ा कि राजनीति केवल सत्ता में आने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह समाज के प्रति जिम्मेदारियों को निभाने का भी एक जरिया है। जिसमें वे चुनाव हारने के बावजूद भी उत्तराखण्ड की जनता के हितों के आजीवन बड़ा सा बड़ा संघर्ष करते रहे।
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में उपस्थित इंद्रमणि बडोनी कला एवं साहित्य मंच घनसाली के अध्यक्ष एडवोकेट श्री लोकेंद्र दत्त जोशी जी, संयोजक श बेलीराम कनस्वाल , वरिष्ठ उपाध्यक्ष कुलदीप प्रसाद फोदंणी और प्रकाश बिजलवाण,सांस्कृतिक सचिव, सहित व्यापार मंडल घनसाली के अध्यक्ष , पूर्व जिला पंचायत सदस्य, तथा वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी डॉ.नरेंद्र डंगवाल , राज्य आंदोलनकारी श्री गोविंद प्रसाद बडोनी राष्ट्रीय रीजनल पार्टी के प्रदेश प्रभारी श्री जितेंद्र थपलियाल जी, जिला अध्यक्ष टिहरी विशन कंडारी जी, विशिष्ट सदस्य मनोज थपलियाल जी, उत्तराखंड जन विकास परिषद के अध्यक्ष केशर सिंह रावत, नशा मुक्ति जन जागृति शैक्षिक समिति के सचिव डॉ आर बी सिंह जी, सामाजिक कार्यकर्ता एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री तेजराम सेमवाल राजकीय शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष श्री लोकेंद्र रावत कोषाध्यक्ष श्री शैलेन्द्र गैरोला जी राजकीय शिक्षक संघ के मंडलीय प्रभारी श्री रामचंद्र शाह राजकीय हाई स्कूल शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष श्री महेश्वर प्रसाद सेमवाल जी, पूर्व प्रधान मेड श्री प्रेम सिंह पवार एडवोकेट श्री पुरुषोत्तम बिष्ट जी, श्री विनोद बडोनी सामाजिक कार्यकर्ता, श्री दिवाकर भट्ट प्रदेश सचिव बेरोजगार डिप्लोमा फार्मासिस्ट, डॉ मुकेश नैथानी असिस्टेंट प्रोफेसर एवं वरिष्ठ पत्रकार, शिक्षक श्री बिशन सिंह राणा ,शिक्षक श्री प्रगेंदु कंसवाल ,शिक्षक श्री मुरलीधर कंसवाल ,श्री रविंद्र डंगवाल घनसाली के प्रमुख व्यापारी श्री गोविंद सिंह रावत जी एवं राजनैतिक, सामाजिक, शिक्षक कर्मचारी संगठन, उद्योग एवं व्यापार मण्डल घनसाली, अधिवक्ता एवं पत्रकार तथा उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी संघठन सहित समाज से जुड़े अन्य मित्र उपस्थित थे।
कार्यक्रम का सफल संचालन इंद्रमणि बडोनी कला एवं साहित्य मंच घनसाली के सह सचिव/मीडिया प्रभारी श्री बोबी श्रीयाल द्वारा किया गया।श्रद्धांजलि कार्यक्रम के अवसर पर कल पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत बड़ी संख्या में लोग वासुलोक होटल में शामिल हुए। जिसमें आयोजक मण्डल इंद्रमणी बडोनी कला एवं साहित्य मंच के द्वारा समस्त सम्मानित , शिक्षकों, संस्कृत प्रेमियों, राजनीतिज्ञों, अधिकारियों, अधिवक्ताओं और कार्यक्रम में उपस्थित रहे समस्त आगंतुकों, प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया धन्यवाद ज्ञापित किया गया।