प्रो. मंजुला राणा की कहानी “उजास कहां है” पर बनेगी फिल्म

प्रो. मंजुला राणा की कहानी “उजास कहां है” पर बनेगी फिल्म
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शिमला में आयोजित 15 देशों के साहित्यकारों के उपस्थिति में हुए अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव ‘उन्मेष’ -2022 में  कहानी “उजास कहाँ है” पर फिल्म बनने के लिए चयन हुआ

नई टिहरी/घनसाली।(लोकेंद्र जोशी)। हिमाचल प्रदेश के शिमला में चल रहे अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव ‘उन्मेष’ के अवसर पर हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय की वरिष्ठ प्रोफेसर प्रो मंजुला राणा की कहानी संग्रह ‘उजास कहां है’ को फिल्म के लिए चयनित किया गया है।

हिमाचल राज्य के शिमला में सम्पन्न हुए अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव ‘उन्मेष’ के अवसर पर ख्याति प्राप्त गीतकार गुलजार गौतम घोष, विनोद भारद्वाज, सोनल मान सिंह, ने प्रोफेसर मंजुला राणा की कहानी “उजास कहां है” का चयन फिल्म निर्माण के लिए चयनित किया है।

इस खबर से फिल्म और साहित्य प्रेमियों के अलावा प्रबुद्ध लोगों के द्वारा भी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्रो. राणा को बधाई के साथ शुभकामना संदेश दिए जा रहे हैं। प्रोफेसर राणा दम्पति मूल रूप से जनपद- टिहरी गढ़वाल के विकासखण्ड- भिलंगना स्थित ग्राम- चानी बासर  निवासी है।

शिमला में चल रहे आजादी के अमृत महोत्सव के तहत सम्पन्न हुए साहित्य उत्सव ‘उन्मेष ‘  कार्यक्रम में भारत में 15 देशों के लेखक कवि, और कलाकारों के प्रतिनिधित्व में विभिन्न साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिसके तहत आयोजित एक कार्यक्रम में ख्याति प्राप्त लेखकों ने अपनी-अपनी रचनाओं का पाठ किया। कार्यक्रम में हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर से प्रोफेसर मंजुला राणा ने भी हिस्सेदारी की। प्रोफेसर राणा ने जब अपनी कहानी “उजास कहां है” का रचना पाठ किया तो सभी श्रोता मंत्रमुग्ध होकर कहानी को अंत तक सुनते रहे। 

 “उजास कहां है” कहानी पर्वतीय क्षेत्र में रहने वाली एक मां की दर्द भरी कहानी है, जो  कि पलायन कर चुके अपने बेटे के इंतजार में है। कहानी को सुनकर, जूरी ने स्टोरी को फिल्म के लिए चयनित किया। 

आपको बताते चलें कि प्रोफेसर राणा गढ़वाल विश्वविद्यालय में हिंदी विषय की वरिष्ठ प्रोफेसर है जो हिंदी साहित्य में ख्यातिलब्ध हैं और पूर्व में उत्तराखंड सरकार के लोक सेवा आयोग के सदस्य रह चुकी है। उनके पति प्रो.पी.एस.राणा, भी गढ़वाल विश्वविद्यालय के सीनियर प्रोफेसर है।

गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा 16 जून से शुरू हुए  “अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव  ‘उन्मेष’ शिमला के ऐतिहासिक गेटी थिएटर में हुआ। जिसका उद्घाटन केंद्रीय संसदीय कार्य एवं संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने किया। 

प्रो.राणा की कहानी पर्वतीय क्षेत्रों के वास्तविक घटनाक्रम पर आधारित है।  

लेखिका स्वयं पहाड़ी मूल के होने और पहाड़ी परिवेश में पढ़ लिख कर ख्यातिलब्ध शिक्षिका हैं। जो पलायन की पीड़ा को अपने समाज से ही बखूबी परिचित है। और उनके द्वारा बहुत नजदीकी से पहाड़ की माताओं के दर्द को अच्छी तरह से समझते हुए अपनी कहानी “उजास कहां है” में हू बहू उकेरा गया हैं।  कहानी को अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव में दर्शकों के द्वारा भी दुनिया भर से साहित्यकारों उपस्थिति में सराहा गया है। जिसे जूरी ने  कहानी को उपयोगी पाकर फिल्म बनाने हेतु चयनित किया।


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Govind Pundir

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