टिहरी जिले में शौर्य एवं पराक्रम का उत्सव ‘‘कारगिल विजय दिवस’’ हर्षोल्लास से मनाया गया

टिहरी जिले में शौर्य एवं पराक्रम का उत्सव ‘‘कारगिल विजय दिवस’’ हर्षोल्लास से मनाया गया
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नई टिहरी। टिहरी जिले में ‘‘कारगिल विजय दिवस’’ बडे हर्षोल्लास से मनाया गया। नगर पालिका परिसर के समीप बने युद्ध स्मारक में मुख्य अतिथि स्थानीय विधायक किशोर उपाध्याय, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, जिलाधिकारी डॉ सौरभ गहरवार, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ले कर्नल (अवकाश प्राप्त) जी एस चंद, एडीएम रामजी शरण, सीडीओ मनीष कुमार, एएसपी राजन सिंह, एसडीएम अपूर्वा, नगर पालिका अध्यक्ष सीमा कृषाली, जाखणीधार ब्लाक प्रमुख सुनीता देवी, पूर्व सैनिक कल्याण संगठन के जिलाध्यक्ष देव सिंह पुंडीर सहित तमाम पूर्व सैनिकों, जनप्रतिनिधियों एवं गणमान्य नागरिकों ने कारगिल शहीदों के चित्रों पर माल्यार्पण करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किए। पुलिस के जवानों ने शहीदों को सलामी दी। इस दौरान दो मिनट का मौन रखकर कारगिल शहीदों को याद किया गया। कारगिल युद्व में देश के 527, उत्तराखंड राज्य के 75 तथा टिहरी जनपद के 12 जवानों ने अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान दिया था। 

शौर्य दिवस पर टिहरी विधायक का सम्बोधन

शौर्य दिवस पर बौराड़ी स्थित युद्ध स्मारक में आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में कारगिल शहीदों के परिजनों को अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया। जिसमें सुनीता देवी पत्नी नायक शिव सिंह ग्रा.भ्यूपाणी कल्यासौड़, सुधा देवी पत्नी नायक दिनेश दत्त सी ब्लॉक ने टिहरी, पुत्र सिपाई सुंदर सिंह ग्रा. कटफोड फकोट, बासुरी देवी पत्नी रा.मै. बिजेन्द्र सिंह ग्रा. थापला लम्बगांव, दीपा देवी पत्नी ला.नायक जयपाल सिंह ग्रा.पिपलेथ जाजल, रोशनी देवी भाभी रा.मै. दिलवीर सिंह ग्रा. ठेला नैलचामी शामिल हैं। वहीं ऑपरेशन रक्षक के शहीद प्रवीन सिंह ग्रा. पुंडोली मल्याकोट नैलचामी के पिताजी प्रताप सिंह को भी शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही अन्य युद्ध में योगदान देने वाले पूर्व सैनिकों को भी सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने देश के अमर शहीदों को नमन करते हुए कहा कि हमें गर्व है कि हम अपने देश के अमर शहीदों की शहादत से खुली हवा में सांस ले रहे है। उन्होंने सभी को सैनिकों के अदम्य साहस एवं शौर्य गाथाओं से प्रेरणा लेने की बात कही। 

उपाध्याय ने कहा कि जब मैं रक्षा मंत्रालय में था तो दो जाने माने जनरल मानेकशॉ व करियप्पा साहब का काफी समय तक आशीर्वाद लेने का मौका मिला है। कहा कि फ़ौजी बड़ा ही अनुशाषित होता है जबतक उन्हें बड़े अधिकारी का आदेश नहीं मिलता तबतक पत्ता भी नहीं हिल सकता। उन्होंने कहा कि देश सेवा में बलिदान हुए सैनिकों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि वही होगी जब हम संकल्प लें कि अमर शहीदों के आश्रितों की चिंता की लकीरों को मिटाकर उनके हितों की रक्षा करें।

उपाध्याय ने अफसोस जताया कि जिला मुख्यालय के समीप कारगिल शहीद दिनेश बहुगुणा के गांव खेमड़ा आज तक सड़क नहीं गयी जबकि 2004 में उनके कार्यकाल में स्वीकृत की गई थी। उन्होंने जिला प्रशासन से अपेक्षा की की अगले साल जब हम यहां पर कार्यक्रम कर रहे होंगे तो वहां सड़क चली जानी चाहिए।

इस मौके पर जिलाधिकारी डॉ सौरभ गहरवार ने वीर सैनिकों को नमन करते हुए कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी का धन्यवाद किया।

जिलाधिकारी डॉ. गहरवार ने वीर शहीदों के साथ ही उनकी वीरगंनाओं को नमन करते हुए कहा कि युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के सर्वाेच्च बलिदान को कभी भुलाया नही जा सकता है, उनकी अमर गाथाएं इतिहास के पन्नों पर दर्ज हो चुकी हैं।

पूर्व सैनिक देव सिंह पुंडीर

जिला सैनिक कल्याण अधिकारी जी एस चंद ने कारगिल शहीदों के सम्मान में उनकी वीरगाथा एवं जीवनी पर प्रकाश डाला। कहा कि कारगिल के दुर्गम क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना के घुसपैठियों व सैनिकों को 26 जुलाई को भारतीय सैनिकों ने अपने अदम्य साहस का प्रदर्शन करते हुए मार भगाया। कारगिल युद्व में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

इस अवसर पर पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष देव सिंह पुंडीर, मंच संचालक सुशील कोटनाला, रेंजर ऑफिसर वन प्रभाग आशीष डिमरी, तहसीलदार टिहरी आशीष घिल्डियाल, एडीओ सूचना भजनी भंडारी, सैनिक कल्याण विभाग के सभी ब्लॉक प्रतिनिधि सहित राकेश राणा, मीडियाकर्मी, स्कूली बच्चे, आम जनमानस आदि मौजूद रहे।  

इससे पूर्व उत्तराखण्ड पुलिस बैण्ड प्लाटून-2 के कमाण्डर देवेन्द्र सिंह असवाल के निर्देशन में देशभक्ति, राष्ट्रगान एवं श्रद्धांजलि लय धुन बजाई गई। वहीं पुलिस जवानों द्वारा शहीदों के सम्मान में सलामी देकर 02 मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी गई।

समारोह में स्थानीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने देशभक्ति गीतों पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। जिन्हें कार्यक्रम के अंत में अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया।

कार्यक्रम का संचालन सुशील कोटनाला ने किया। 


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Govind Pundir

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